Jack Dorsey के पहले ट्वीट की NFT बेचने वाले प्लेटफॉर्म Cent ने ट्रांजेक्शन पर रोक लगा दी है. इस प्लेटफॉर्म ने Twitter के पूर्व CEO Jack Dorsey के पहले ट्वीट की NFT को 29 लाख डॉलर (लगभग 22 करोड़ रुपये) में बेचा था. प्लेटफॉर्म ने फर्जीवाड़े के कारण ट्रांजेक्शन पर रोक लगा दी है. रिपोर्ट्स की मानें तो लोग Cent पर उन कंटेंट्स के टोकन बेच रहे थे, जो उनके हैं ही नहीं. कंपनी के फाउंडर ने इसे 'फंडामेंटल प्रॉब्लम' बताया है.
Cent के को-फाउंडर और CEO Cameron Hejazi ने बताया, 'ऐसी एक्टिविटीज का एक स्पेक्ट्रम है, जो हो रही हैं, जिन्हें नहीं होना चाहिए- जैसे, कानूनी तौर पर.' उन्होंने बताया, 'इस तरह की चीजें लगातार हो रही हैं. हमने ऐसे अकाउंट्स को बैन किया, लेकिन यह ऐसा था जैसे हम whack-a-mole गेम खेल रहे हों. हर बार हम एक अकाउंट को बैन करते हैं, दूसरा आ जाता है या वैसे तीन और आ जाते हैं.'
NFT क्रिप्टो एक्सेट्स होता है, जो किसी डिजिटल फाइल जैसे- वीडियो, इमेज या टेक्स्ट की डिजिटल ओनरशिप का रिकॉर्ड करता है. पिछले दिनों इससे जुड़ी स्कैम की संख्या बढ़ी है.
अमेरिकी कंपनी CENT लाखों डॉलर की कीमत वाली NFT बेचकर सुर्खियों में आई थी. कंपनी ने पिछले साल मार्च में ट्विटर के पूर्व CEO के पहले ट्वीट की NFT बेची थी. रिपोर्ट्स की मानें तो 6 फरवरी को CENT ने अपने प्लेटफॉर्म पर खरीदारी और बिक्री पर रोक लगा दी है.
कंपनी के सीईओ ने प्लेटफॉर्म की सेवाएं बंद करने की तीन वजह बताई है. उन्होंने बताया कि लोग दूसरी NFT की अनाधिकारिक कॉपी बेच रहे हैं. इसके अलावा लोग ऐसे कंटेंट की NFT बेच रहे हैं, जो उनका है ही नहीं और लोग NFTs के सेट्स बेच रहे हैं. बता दें कि हाल में आई रिपोर्ट्स की में इस तरह के कई मामले में देखने को मिले हैं, जो लोग फर्जी NFT बेच रहे हैं.
रिपोर्ट्स की मानें तो OpenSea ने पिछले महीने दी जानकारी में बताया था कि उनके प्लेटफॉर्म पर 80 परसेंट से ज्यादा NFTs जो फ्री में बिक्री हैं, वह 'साहित्यिक चोरी, नकली कलेक्शन और स्पैम' थीं. कंपनी ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि वह कई ऐसे सॉल्यूशन पर काम कर रही है, जिससे इस तरह के काम करने वालों को रोका जा सके और क्रिएटर्स को सपोर्ट मिले.