ऑनलाइन ठगी के आए दिन नए-नए मामले सुनने को मिल रहे हैं. अब एक नया मामला पुणे से सामने आया है, जहां एक स्टूडेंट को ठगी का शिकार बनाया. इसके बाद स्टूडेंड की मां के बैंक अकाउंट से 53 लाख रुपये उड़ा लिए. दरअसल, इस दौरान स्कैमर्स ने ड्रग्स वाले फर्जी पार्सल का सहारा लिया.
दरअसल, साइबर क्रिमिनल्स ने 25 साल के एक स्टूडेंट को एक कॉल किया. फिर उसे बताया कि उनके नाम से ताइवान से एक पार्सल आया है. इस पार्सल में ड्रग्स और फर्जी पासपोर्ट बरामद हुए हैं. इस पार्सल को पुलिस ने जब्त कर लिया है. इसके बाद स्कैमर्स ने खुद को पुलिस ऑफिसर बताकर स्कैमर्स ने स्टूडेंड को डराने के लिए बताया कि उसके खिलाफ लीगल एक्शन लिया जा रहा है.
स्कैमर्स ने स्टूडेंट को फंसाने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल किया. इसमें उसे बताया गया कि पार्सल पर उसकी डिटेल्स मौजूद हैं. इसमें उसका मोबाइल नंबर भी लिखा है, जिसके बाद कुरियर एजेंट और पुलिस वाले ने उसे कॉल किया.
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साइबर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया है. इसके बाद पता चला कि इस स्कैम की शुरुआत एक अनजान नंबर से आने वाले कॉल के साथ हुई. कॉल करने वाली खुद को कुरियर कंपनी का रिप्रेजेंटेटिव बताया. इसके बाद वह बताता है कि ताइवान से विक्टिम के नाम से एक पार्सल भेजा है, जिसमें ड्रग्स के साथ छह पासपोर्ट बरामत हुए.
विक्टम ने इस पार्सल को लेकर बताया कि ये पार्सल उसका नहीं है. ना ही उसका इससे कोई लेना देना है. इसके बाद दूसरे व्यक्ति का कॉल आया, जिसने खुद को एंटी नार्कोटिक्स सेल, मुंबई में काम करने वाला IPS ऑफिसर बताया.
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इसके बाद स्टूडेंट पर दबाव बनाया गया और तुरंत अरेस्ट तक करने की बात कही. स्कैमर्स ने मामले की फाइल बंद करने के लिए कुछ रुपयों की डिमांड की, जिसे देने के लिए स्टूडेंड तुरंत तैयार हो गया.
गिरफ्तारी के डर से घबराकर स्टूडेंट ने कुछ घंटे के अंदर करीब 34 ट्रांजैक्शन कर दीं. इसके लिए स्टूडेंट ने अपनी मां के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया और कुल 53.63 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. इतना ही नहीं, स्कैमर्स ने यह राशि कुछ समय बाद रिटर्न करने का वादा भी किया था.
रुपये ट्रांसफर करने के बाद उसे अहसास हुआ कि वह स्कैम का शिकार हुआ है. इसके बाद उसने इस मामले की जानकारी साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को जाकर दी.