पॉपुलर वर्कप्लेस चैट ऐप Slack को अमेरिकी क्लाउड कंप्यूटिंग कंपनी Salesforce खरीद रही है. ये अधिग्रहण ग्लोबल सॉफ़्टवेयर इंडस्ट्री के इतिहास के सबसे बड़ी डील में से एक है.
आपको बता दें कि फ़ेसबुक ने WhatsApp को 19 बिलियन डॉलर में ही ख़रीदा था, यानी ये डील WhatsApp अधिग्रहण से भी बड़ी है. फेसबुक ने हालांकि वॉट्सऐप को 2014 में ही खरीदा था.
Salesforce ने ऐलान किया है कि कंपनी Slack को 27.7 बिलियन डॉलर में खरीद रही है. इस आप भारतीय रुपये में तब्दील करें तो ये लगभग 20.36 खरब रुपये होता है.
पिछले कुछ हफ़्तों से इस डील को लेकर चर्चा तो चल रही थी, लेकिन अब इस पर मुहर लग चुकी है. पिछले कुछ सालों में ये सॉफ़्टवेयर इंडस्ट्री में किया जाने वाला ये सबसे बड़ा अधिग्रहण होगा.
Salesforce के सीईओ मार्क बेनियॉफ ने कहा है कि स्टीवर्ट और उनकी टीम ने एंटरप्राइज़ सॉफ़्टवेयर हिस्ट्री के एक बेहद ही शानदार प्रोडक्ट बनाया है और इसका इकोसिस्टम भी अविश्नसनीय है.
सेल्सफोर्स के सीईओ ने कहा है कि सेल्सफोर्स और स्लैक साथ मिल कर एंटरप्राइज सॉफ़्टवेयर के फ्यूचर को शेप देंगे और जो लोग दुनिया में कहीं भी काम कर रहे हैं उनका भी ट्रांसफॉर्मेशन होगा.
वर्क प्लेस में पॉपुलर है Slack ऐप
ग़ौरतलब है कि Slack ऐप ज़्यादातर कंपनियों में वर्क प्लेस चैट ऐप के तौर पर Slack यूज किया जाता है. इसे आप मैसेजिंग टूल की तरह ही समझ सकते हैं. यहाँ इंस्टैंट मैसेज के अलावा वर्क प्लेस से जुड़े कई फ़ीचर्स दिए गए हैं.
यहाँ ऑफिस में काम करने वाले लोग एक दूसरे से प्रोडक्ट को लेकर बातें करते हैं और मीटिंग भी होती हैं. इसका यूज़र इंटरफ़ेस सिंपल है और डायरेक्ट मैसेज से लेकर पब्लिक चैट तक के ज़रूरी ऑप्शन्स उपलब्ध हैं.
कोरोनावायरस के बाद लगे लॉकडाउन की वजह से दुनिया भर में वर्क फ़्रॉम होम का कल्चर बढ़ा है. ऐसे में स्लैक को इसका भी फ़ायदा मिला और इसके बिज़नेस में भी इज़ाफ़ा हुआ.
2002 से शुरू हुई जर्नी - गेमिंग से स्लैक ऐप तक
स्टीवर्ट बटरफील्ड (Stewart Butterfield) ने एक स्टार्टअप के तौर पर 2002 में Ludicorp की शुरुआत की. इसका मक़सद गेम बनाना था. 2004 तक ये गेमिंग उतना पॉपुलर नहीं हो पाया.
2009 में बटरफील्ड ने फिर से गेम बनाने की कोशिश की. लेकिन इसमें भी कोई ख़ास सफलता उन्हें नहीं मिली. हालाँकि 2011 तक बटरफील्ड ने अपने गेमिंग स्टार्टअप के लिए अच्छे इन्वेस्टर्स पकड़े थे और 10.7 मिलियन डॉलर का फंड इकट्ठा भी किया.
लेकिन यहाँ भी वैसी सफलता नहीं मिल पाई और 2013 में एक टूल बनाया गया जिसका नाम Slack रखा गया. इसके बाद से लगातार Slack को फ़ंडिंग मिलती गई और वर्क प्लेस ऐप के तौर पर ये स्थापित हो गया.
धीरे धीरे इसकी ग्रोथ बढ़ती रही और नए फ़ीचर्स ऐड होते रहे. रिपोर्ट के मुताबिक़ इसी साल स्लैक ने IBM के साथ अपनी पार्टनरशिप एक्स्टेंड की थी.