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WhatsApp का विकल्प Sandes? जानिए सरकार के इस चैटिंग ऐप के बारे में

WhatsApp प्राइवेसी को लेकर उठे विवाद के बाद अब भारत सरकार का चैटिंग ऐप Sandes आया है. फिलहाल ये ऐप लिमिटेड यूजर्स के लिए है.

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GIMS Website
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • WhatsApp का विकल्प बन पाएगा भारत सरकार का चैटिंग ऐप Sandes?
  • संदेस ऐप फिलहाल सरकारी अधिकारियों को यूज करने को दिया गया है.

WhatsApp की तर्ज पर ही स्वदेशी इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप संदेश (Sandes) बन कर तैयार हो चुका है. रिपोर्ट के मुताबिक इसका इस्तेमाल कुछ सरकारी अधिकारी कर रहे है. पिछले साल भारत सरकार ने WhatsApp  जैसे ऐप पर काम करने की बात कही थी. 

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अब ऐसा लगता है कि ये ऐप बन कर तैयार हो चुका है. शुरुआत में इसे कुछ सरकारी अधिकारियों को यूज करने के लिए दिया गया है. ये अभी टेस्टिंग फेज में भी हो सकता है. 

Sandes का लोगो 


GIMS.gov.in की वेबसाइट पर Sandes ऐप का लोगो है. इसमें आशोक चक्र देखा जा सकता है. बेसिकली इस लोगो के तीन लेयर्स हैं. तीनों लेयर्स मिल कर तिरंगा बनाते हैं और सेंटर में अशोक चक्र है. दूसरा लेयर देखने में WhatsApp जैसा ही लग रहा है. लेकिन ये डार्क ग्रीन है. 

अभी के लिए लिमिटेड यूज.. 


बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार मंत्रालय के कुछ अधिकारियों ने पहले से ही गवर्नमेंट इंस्टेंट मैसेजिंग सिस्टम (GIMS) का यूज करना शुरू कर दिया है.

पिछले साल कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि इस सरकारी चैटिंग ऐप को गवर्नमेंट इंस्टेंट मैसेजिंग सिस्टम (GIMS) कहा जाएगा. अब ये खबर निकल कर सामने आई है कि इसको संदेश नाम दिया गया है. 

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Gims.gov.in की वेबसाइट पर Sandes के बारे कुछ जानकारी भी है. यहां  साइन-इन एलडीएपी, साइन-इन संदेश ओटीपी और संदेश वेब शामिल है.

किसी भी ऑप्शन पर टैप करने पर पेज पर एक मैसेज आता है. जिसमें लिखा है ये ऑथेंटिकेशन मैथड सिर्फ ऑथोराइज्ड सरकारी अधिकारियों के लिए लागू होती है.

वेबसाइट पर आप अपना अकाउंट नहीं बना सकते हैं और न ही लॉग इन कर सकते हैं. ये अधिकारियों के लिए लिमिटेड है. ये साफ नहीं इसे आम यूजर्स के लिए कब लाया जाएगा. 

रिपोर्ट के मुताबिक ये Sandes को एंड्रॉयड और आईफोन दोनों ही प्लैटफॉर्म्स के लिए लाया जाएगा. ये दूसरे चैटिंग ऐप की तरह वॉयस और डेटा सपोर्ट करता है. इसे ऐप को नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर मैनेज करेगा जो इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नॉलजी मंत्रालय के अंदर आता है. 

फिलहाल संदेश ऐप का यूज कुछ सरकारी अधिकारियों कर ही सीमित है. इसे बाद में पब्लिक के लिए रोल-आउट करने की संभावना है. ये WhatsApp से कैसे टक्कर ले पाता है ये देखना दिलचस्प होगा. लेकिन ये भी मुमकिन है, इसे सरकार सिर्फ अधिकारियों को यूज करने पर फोकस करे. 
 

 

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