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फेक क्रिप्टो करेंसी और शेयर बाजार में फंसा दिल्ली का शख्स, गंवा दिए 91 लाख, गैंग में बैंक कर्मचारी भी शामिल

देश की राजधानी दिल्ली में एक शख्स साइबर ठगी का शिकार हुआ, उसके साथ 91 लाख रुपये की ठगी हुई. इस गैंग ने विक्टिम को लूटने के लिए बड़ी ही चालाकी से काम किया. पहले विक्टिम को एक ग्रुप में शामिल किया, वहां लोगों को साइबर साइबर स्टॉक खरीदने को लेकर सजेशन दिया जाता था. इसके बाद हाई रिटर्न का लालच देकर वे भोले-भाले लोगों को शिकार बनाते थे.

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दिल्ली के शख्स के साथ हुआ 91 लाख का फ्रॉड. (फोटोः प्रतिकात्मक)
दिल्ली के शख्स के साथ हुआ 91 लाख का फ्रॉड. (फोटोः प्रतिकात्मक)

देश की राजधानी दिल्ली से साइबर ठगी का नया मामला सामने आया है. यहां एक शख्स को 91 लाख रुपये का चूना लगाया है. इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच की तो पुलिस ने एक गैंग को गिरफ्तार किया. यह गैंग क्रिप्टोकरेंसी और शेयर बाजार के नाम पर ठगी कर रहा था. इसमें बैंक कर्मचारी भी शामिल है.

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पुलिस ने रविवार को सात लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें एक बैंक कर्मचारी भी शामिल हैं. ये लोगों को हाई रिटर्न का लालच देकर लोगों के बैंक से कई लाख उड़ा लेते हैं. दिल्ली पुलिस की यूनिट  इंटेलीजेंस फ्यूशन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन (IFSO) में पुलिस डिप्टी कमिश्नर हेमंत तिवारी ने बताया कि एक शख्स ने पुलिस कंप्लेंट दर्ज कराई थी. उसने बताया कि उसके साथ 91 लाख रुपये की ठगी हुई है. विक्टिम को साइबर ठग ने हाई रिटर्न का लालच दिया और फिर उसके बैंक अकाउंट को खाली कर दिया.  

पहले बनाया ग्रुप और विक्टिम को बनाया शिकार 

आरोपियों ने विक्टिम को शिकार बनाने के लिए पहले एक WhatsApp ग्रुप में शामिल किया. इस ग्रुप में लोगों को स्टॉक मार्केट से संबंधित सलाह दी जाती थी और विक्टिम को लूटने के लिए ऐसे दिखाया जाता है कि कितने लोग लखपति बन रहे हैं. इसके बाद अलग-अलग लालच देकर लोगों को उनके एक प्लेटफॉर्म पर अकाउंट ओपेन करने को कहते और फिर उससे अलग-अलग शेयर और स्टॉक मार्केट या क्रिप्टोकरेंसी में इनवेस्टमेंट के लिए कहा जाता है. 

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91 लाख रुपये की ठगी का केस 

इसके बाद ऐसा ही दिल्ली के शख्स के साथ हुआ, विक्टिम को 91 लाख रुपये की ठगी का सामना करना पड़ा. उसने पुलिस से संपर्क किया. विक्टिम ने पुलिस कंप्लेंट दर्ज कराई. पुलिस एक अन्य केस को लेकर जांच कर रही थी, जहां उन्होंने एक अकाउंट को फ्रीज कराया था. इसके बाद बैंक मैनेजर को साइबर ठगों की तरफ से कस्टमर बनकर ईमेल किया और अकाउंट को डिफ्रीज यानी दोबारा खोलने को कहा.  

पुलिस ने जांच में खोजा दोनों केस का कनेक्शन

पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि ये दोनों ही मामले एक दूसरे से कनेक्ट हो सकते हैं. इसके बाद पुलिस ने उस अकाउंट की जांच की, तो उसे पता चला कि वह बैंक अकाउंट गौरव ट्रेडिंग नाम से है. उसमें 46 लाख रुपये मौजूद हैं.

 

बैंक मैनेजर को आया फेक ऑफिसर का ईमेल 

पुलिस ने बताया कि ब्रांच मैनेजर के पास एक सरकारी ईमेल आईडी का इस्तेमाल करके मेल किया गया और बैंक अकाउंट डिफ्रीज करने को कहा.  फेक ईमेल करने वाले ने खुद को इनवेस्टिगेशन ऑफिसर बताया. इसके बाद ब्रांच मैनेजर को संदेह हुआ और जब उसने चेक कराया, तो उसे पता चला कि ये फेक ईमेल है. 

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पुलिस को ऐसे मिली कामयाबी 

जांच के बाद पुलिस को कुछ डिजिटल सबूत मिले. इसके बाद पुलिस ने दो लोगों की पहचान की और उन्हें गिरफ्तार किया, जिनका नाम अजय और मोहित था. इसके बाद शंकर, प्रत्यक्ष कोशर, मनीष जावला, श्रेयांश पंडित और दिनेश को गिरफ्तार किया. पुलिस को उनके पास से 5.5 लाख रुपये बरामद हुए. पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है. 

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