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कोरोना टेस्ट से मिलेगी आजादी? इस मोबाइल ऐप से चलेगा रिजल्ट का पता, केवल बोलने से कलेक्ट हो जाएगा सैंपल

आपको COVID-19 हुआ है या नहीं इसके बारे में केवल मोबाइल से ही पता लगाया जा सकता है. ये ऐप आपके वॉयस के जरिए इसके बारे में पता लगाता है. हालांकि, अभी रिसर्च पूरा नहीं हुआ है. इस वजह से इस ऐप को लॉन्च होने में कुछ वक्त लग सकता है. यहां पर आपको इसकी पूरी डिटेल्स बता रहे हैं.

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कोरोना (प्रतीकात्मक फोटो)
कोरोना (प्रतीकात्मक फोटो)

COVID-19 अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. इस वजह से लोगों को इससे सावधान रहने की जरूरत है. हालांकि, इसको लेकर टेस्ट करना कई लोगों को पसंद नहीं आता है. लेकिन, अब जल्द इससे छुटकारा मिलने वाला है. केवल एक स्मार्टफोन ऐप की मदद से आपको COVID-19 इंफैक्शन के बारे में पता लगा सकते हैं. 

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ये ऐप लोगों की आवाज सुनकर बताएगा कि उन्हें कोरोना हुआ या नहीं. इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI की मदद ली जाएगी. न्यूज एजेंसी IANS की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि रिसर्चर ने इसकी जानकारी दी है. 

महंगे टेस्ट से मिलेगी आजादी

रिसर्चर टीम की ओर से ये भी दावा किया गया है कि ये ऐप कई एंटीजेन टेस्ट से ज्यादा एक्यूरेट है. इसके अलावा ये लोगों के काफी सस्ता भी होगा. इसको काफी आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है. इसका मतलब वैसी जगह जहां पर PCR टेस्ट करवाना महंगा है या आम लोगों की पहुंच से बाहर है. वहां पर ये काफी काम आएगा. 

नीदरलैंड के Maastricht University में स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ डेटा साइंस के एक रिसर्चर Wafaa Aljbawi ने बताया कि इसमें आशाजनक रिजल्ट दिखाता है कि फाइन-ट्यून्ड AI अल्गोरिदम से पता लगाया जा सकता है कि किनको Covid-19 हुआ है. ये काफी प्रीसाइज रिजल्ट देगा. 

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एक और रिसर्चर के अनुसार, इससे रिमोट और वर्चुअल टेस्टिंग भी की जा सकती है. इसमें एक मिनट से भी कम समय लगेगा. इसका यूज किसी भीड़भाड़ वाली जगह के एंट्री प्वॉइंट पर किया जा सकता है. इससे सभी की टेस्टिंग काफी जल्दी हो जाएगी. 

Covid-19 का असर लोगों की आवाज पर भी पड़ता है. कोविड प्रभावित लोगों की आवाज थोड़ा चेंज हो जाती है. इसको लेकर Aljbawi और उनके सुपरवाइजर को AI के जरिए वॉयस को एनालाइज करके कोरोना डिटेक्ट करना वाला ऐप बनाने का आइडिया आया. 

इसके लिए रिसर्चर Mel-spectrogram एनालिसिस टेक्निक का इस्तेमाल करते हैं. इससे जरिए लाउडनेस, पावर और वैरिएशन के बारे में चेंज को पहचाना जाता है. अभी ऐप ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से ऑडियो सैंपल कलेक्ट किया है. 

 

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