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स्मार्टफोन क्लीनर और बूस्टर ऐप का सच जान कर आप रह जाएंगे दंग

स्मार्टफोन क्लीनिंग ऐप यूज करते हैं तो आपको ये जरूर पढ़ना चाहिए. क्योंकि कई बार आप अपने फायदे के लिए ऐप यूज करते हैं, लेकिन उल्टा इससे आपका ही नुकसान होता है.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • क्लीनिंग ऐप इंस्टॉल करने से पहले जान लें ये बातें
  • बूस्टर और क्लीनर ऐप्स के फायदे और नुकसान

अपने स्मार्टफोन में क्लीनर या बूस्टर ऐप डालने से पहले इसे जरूर पढ़ें. आप बिना उन ऐप्स के भी अपने फोन को क्लीन रख सकते हैं. 

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आपके स्मार्टफोन में कई ऐसे ऐप्स होते हैं जो गैरजरूरी होते हैं. ये ऐप्स आपका नुकसान कर सकते हैं. कुछ ऐप्स इस तरह से डिजाइन किए जाते हैं कि वो आपके मोबाइल का डेटा हैकर के साइबर क्रिमिनल्स को भेज रहे होते हैं. 

हम आपको यहां उन कैटिगरी के बारे में बताएंगे जिनके अंतर्गत आने वाले ऐप्स आपको फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण क्लीनिंग ऐप्स. 

एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर्स अक्सर ये गलती करते हैं. फोन स्लो हो गया है तो इसे फास्ट करने का दावा करने वाले ऐप्स इंस्टॉल कर लेते हैं. कुछ समय तक तो ऐसा लगता है कि फोन थोड़ा फास्ट हो गया है, लेकिन ऐसा नहीं होता और बाद में उनका ही नुकसान होता है. 

दरअसल लेटेस्ट एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स में आपको इनबिल्ट क्लीनिंग फीचर दिए जाते हैं. आप कैशे मेमोरी और डेटा क्लियर करने के लिए उन्हें यूज कर सकते हैं. अगर आप मोबाइल की कैशे मेमोरी मैनुअली क्लियर करना चाहते हैं तो वो भी आप कर सकते हैं. 

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क्लीनर ऐप या ऐसे जो दावा करते हैं कि आपके फोन की स्पीड बढ़ा देंगे आप उनपर भरोसा न करें. इंस्टॉल करते ही सबसे पहले वो आपके फोन की कई परमिशन लेते हैं. ऐसे में ज्यादा चांस है कि आप हैकिंग का शिकार हो सकते हैं. 

अगर हैकिंग का शिकार न भी हुए तो आपके फोन की बैटरी तेजी से ड्रेन हो सकती है. मोबाइल डेटा तेजी से खत्म हो सकता है. फोन में मैलवेयर आने का खतरा हो सकता है. 

चूंकि गूगल प्ले स्टोर पर मोबाइल को फास्ट करने के नाम पर सैकड़ों ऐप्स मिल जाएंगे. इसलिए आपके लिए ये समझ पाना मुश्किल होगा कि कौन सा ऐप सही है और कौन से ऐप्स से आपको नुकसान हो सकता है. 

क्लीनर ऐप्स क्या करते हैं?

क्लीनर ऐप्स का काम आपके फोन की जंक फाइल्स और कैशे क्लियर करने का होता है. कई बार क्लीनर ऐप्स फोन में चल रहे बैकग्राउंड ऐप्स और प्रोसेस को भी रोकते हैं ताकि आपका फोन फास्ट काम कर सके. 

इनके अलावा कई क्लीनर ऐप्स बेसिक काम करने के आलावा आपका डेटा भी हासिल करते हैं. हैकर्स के लिए ये ऐप सॉफ्ट टारगेट की तरह होते हैं. क्योंकि अगर वो ऐप आपको नुकसान पहुंचाने की मकसद से न भी बना हो तो भी, हैकर्स उन ऐप्स से आपका डेटा लेकर आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं. 

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इसलिए क्लीनर ऐप यूज करने से पहले कई बार सोचें. अगर क्लीनर ऐप के बिना आपका काम नहीं चल रहा तो कम से कम उस ऐप के पब्लिशर के बारे में गूगल कर लें. चेक कर लें कि उस ऐप की तरफ से कभी फ्रॉड तो नहीं किया गया है और उसका ऐप पब्लिशर कितना क्रेडिबल है.
 

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