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Starlink: एलॉन मस्क का पूरी दुनिया को इंटरनेट देने का प्लान, जानें इसके बारे में

Starlink Explained : एलॉन मस्क 42,000 सैटेलाइट के जरिए पूरी दुनिया तक इंटरनेट पहुंचाना चाहते हैं. फ्री में नहीं. अब तक लगभग 1000 सैटेलाइट ऑर्बिट में हैं और स्टार लिंक के 10 हजार से ज्यादा यूजर्स हैं.

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Starlink (Space X)
Starlink (Space X)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत में Starlink के लिए प्री रजिस्ट्रेशन शुरू किया जा चुका है.
  • Starlink से क्या यूजर्स को फाइबर ऑप्टिक्स से भी ज्यादा स्पीड मिल सकती है?
  • Starlink के फायदे क्या हैं और ये घर में कैसे लगाया जा सकता है, सबकुछ जानें.

अमेरिकी 'स्टार' बिजनेसमैन एलॉन मस्क भारत में Starlink लेकर आ रहे हैं. इसके लिए वेबसाइट तैयार कर ली गई है. वेबसाइट पर जा कर आप Starlink के लिए प्री रजिस्ट्रेशन भी कर सकते हैं. क्या Starlink भारत में रिलायंस जियो को टक्कर दे सकता है?  

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हम आपको Starlink के बारे में सबकुछ बताते हैं. ये कैसे काम करता है, कितनी स्पीड मिलेगी, कितने पैसे लगेंगे, क्या हार्डवेयर चाहिए और ये फाइबर इंटरनेट से कैसे अलग है. 

क्या है Starlink?

दरअसल Elon Musk चाहते हैं कि सेटैलाइट के जरिए लोगों को हाई स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराया जाए. सैटेलाइट इंटरनेट का कॉन्सेप्ट काफी पहले से है. हजारों सैटेलाइट के जरिए जमीन पर लोगों को इंटरनेट दिलाया जा सकता है. 

इसके लिए आपके पास एक रीसिवर लगाना होगा जो सैटेलाइट से तक सिग्नल भेजेगा और रीसिव करेगा. इससे फायदा ये होगा कि हाई स्पीड इंटरनेट में लेटेंसी कम मिलेगी. मल्टी प्लेयर गेमिंग का मार्केट तेजी से बढ़ रहा है और ऐसे में ये गेमिंग के लिहाज से भी काफी शानदार होगा. 

दूसरे देशों में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड किए जाते हैं. हालांकि दूसरी कंपनियों ने इतने बड़े पैमाने पर सैटेलाइट इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं किया है. अलग अलग जगहों पर जहां इंटरनेट की उपलब्धता नहीं है वहां सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट दिया जाता है. 

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एलॉन मस्क ने दरअसल सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को बड़े पैमाने पर पेश कर रहे हैं. इसी सैटेलाइट इंटरनेट को कंपनी ने Starlink का नाम दिया गया है. 

छत पर लगेगा एंटेना

Space X और Starlink कनेक्शन 

चूंकि एलॉन मस्क की कंपनी Space X भी है जो प्राइवेट स्पेस कंपनी है. एलॉन मस्क के पास फायदा ये है कि वो सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए Space X को यूज कर सकते हैं. क्योंकि कंपनी के पास खुद के रॉकेट्स हैं और कम कीमत के हैं, यानी निवेश भी कम होगा. दूसरी कंपनियों के साथ ये फायदा नहीं है. 

एलॉन मस्क का प्लान है कि Starlink के तहत 42000 सैटेलाइट लॉन्च करेंगे. 42000 सैटेलाइट का मतलब पूरी दुनिया में Starlink के जरिए इंटरनेट प्रोवाइड किया जा सकेगा. इसके लिए कंपनी ने 2025 तक का टार्गेट रखा है. 

हालांकि अब तक लगभग 1081 सैटेलाइट्स लॉन्च किए गए हैं. लेकिन अब कंपनी तेजी से सैटेलाइट लॉन्च कर रहे हैं और जल्द ही 12,000 सैटेलाइट का आंकड़ा कंपनी छू लेगी. अगर 42000 सैटेलाइट लॉन्च कर दी गई तो पूरी दुनिया में एलॉन मस्क इस कंपनी के जरिए इंटरनेट लोगों तक दे सकते हैं. 

फ्री सर्विस होगी या पैसा लगेगा? 

एलॉन मस्क प्राइवेट कंपनी चलाते हैं और बिजनेस करते हैं. इसलिए जाहिर है वो इंटरनेट बेच कर पैसा कमाना चाहेंगे. सैटेलाइट भेजने में भी पैसे लगेंगे तो इसे रिकवर भी करना होगा. इसलिए ये इंटरनेट फ्री नहीं मिलेगा और इसके लिए लोगों को पैसे देंगे. भारत में इसके लिए लगभग 7000 रुपये से प्री ऑर्डर शुरू हुआ है. यानी ये सस्ता तो नहीं ही होगा. 

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Starlink के लिए घर में लगेंगे ये हार्डवेयर

Starlink का इंटरनेट लगाने के लिए क्या हार्डवेयर घर में लगेंगे? 

इसके लिए एक सैटेलाइट डिश लगेगा जो घर की छत पर लगेगा. इसके अलावा एक राउटर होगा जो घर के अंदर होगा. फिर आप इससे कंप्यूटर या कोई भी डिवाइस आम इंटरनेट की तरह ही कनेक्ट कर पाएंगे. 

Starlink  की वेबसाइट के मुताबिक ये इंटरनेट सर्विस दुनिया भर के उन इलाकों के लिए बेहतर होगी जहां कनेक्टिविटी नहीं पहुंची है. जहां इंटरनेट बिल्कुल नहीं है वहां भी स्टार लिंक से हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई जा सकती है. 

क्या Starlink कहीं यूज किया जा रहा है? 

हां, फिलहाल कुछ चुनिंदा जगहों पर स्टार लिंक से इंटरनेट दिया जा रहा है. 10 हजार से ज्यादा कस्टमर्स हैं और धीरे धीरे कंपनी अपना कस्टमर बेस बढ़ा रही है. इसे यूज करने के लिए एंड्रॉयड और आईओएस में ऐप उपलब्ध है जहां से बैंडविथ मैनेजमेंट किया जा सकता है. 

Starlink कितना फास्ट इंटरनेट देता है? 

फिलहाल तो इसके तहत यूजर्स को 150Mbps  तक की स्पीड मिल रही है. लेकिन एलॉन मस्क ने हाल ही में कहा है कि 2021 के आखिर तक 300Mbps की स्पीड हो जाएगी. 

अब आप सोच रहे होंगे कि ये तो फाइबर इंटरनेट के मुकाबले कम है. ऐसा इसलिए, क्योंकि ये वायर से नहीं, बल्कि डायरेक्ट सैटेलाइट से मिलता है. इस वजह से इसकी स्पीड फाइबर की तरह  फिलहाल 1Gbps नहीं हो सकती है. 

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चूंकि स्टार लिंक का मुख्य फोकस दुनिया भर में इटरनेट कवरेज देना, खास कर वैसे इलाकों में जहां इंटरनेट की कनेक्टिविटी नहीं है. और अभी दुनिया में 60% लोगों तक ही इंटरनेट पहुंच पाया है, यानी अभी स्कोप काफी है. 

क्या भारत में स्टारलिंक का मुकाबले जियो या दूसरी कंपनियों से हो सकता है? 

ऐसा कहना जल्दबाजी होगी और ये टक्कर बराबरी की नहीं है. एक तरफ फाइबर ऑप्टिक्स है तो दूसरी तरफ सैटेलाइट है. फाइबर ऑप्टिक्स की स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट मैच नहीं कर सकती है. 

सैटेलाइट इंटरनेट कवरेज का दायरा बड़ा है. सिंपल शब्दों में कहें तो पूरी दुनिया में कहीं भी स्टार लिंक से इंटरनेट मिलेगा. जियो या फिर कोई भी टेलीकॉम कंपनी ऐसा नहीं कर सकती है, क्योंकि फाइबर ऑप्टिक्स की अपनी लिमिटेशन्स हैं.  

इसलिए स्टार लिंक दूसरी टेलीकॉम कंपनियों को टक्कर फिलहाल तो नहीं देगा, क्योंकि इसका अलग स्पेस है. 


 

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