भारत में DTH कंपनियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. सरकार ने DTH ऑपरेटर्स के स्पेशल ऑडिट के लिए CAG को पत्र लिखा है. Airtel Digital TV, Tata Play, Dish TV और Sun Direct समेत अन्य DTH ऑपरेटर्स के स्पेशल ऑडिट का आदेश IB ने दिया है. इस मामले में इन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्टरी ने कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया को स्पेशल ऑडिट के लिए लिखा है.
ऑडिट की मांग DTH प्रोवाइडर्स के रेवेन्यू कैलकुलेशन में गड़बड़ी की वजह से की गई है. लाइसेंस फीस में छूट के लिए DTH कंपनियां लंबे समय से सरकार से मांग कर रही थीं.
मंत्रालय के एक सीनीयर ऑफिसर ने बताया कि ये एक जरूरी कदम था और इस संबंध में CAG से इस हफ्ते ही संपर्क किया गया है. दरअसल, DTH सर्विस प्रोवाइडर्स लंबे समय से सरकार से लाइसेंस फीस में छूट की मांग कर रहे हैं.
कंपनियों की दलील है कि उनके सब्सक्राइबर्स की संख्या में कमी आई है, जिसके बाद उन्हें लाइसेंस फीस में छूट दी जानी चाहिए. ऑपरेटर्स की मानें तो स्ट्रीमिंग सर्विसेस के बढ़ते प्रभाव के कारण DTH ऑपरेटर्स के सब्सक्राइबर्स की संख्या प्रभावित हुई है.
वहीं इस मामले में मंत्रालय ने CAG को पत्र लिखकर ऑडिट की मांग की है. मंत्रालय ने DTH ऑपरेटर्स के सब्सक्राइबर्स और लाइसेंस फीस के तरीके को लेकर ऑडिट की बात कही है. मई में कंपनियों ने लाइसेस फीस में कटौती के लिए सरकार से मांग की थी. उन्हें लाइसेस फीस 8 परसेंट कम करने के लिए कहा था, जिससे वे कंपटीशन में बने रहें.
ऑपरेटर्स का कहना है कि उनके सब्सक्राइबर्स की संख्या हर तिमाही घट रही है. इससे हजार करोड़ रुपये का निवेश और लाखों कर्मचारियों को नौकरी पर रिस्क आ गया है. TRAI ने भी DOT को ब्रॉडबैंड सर्विसेस पर 5 साल के लिए लाइसेंस फीस को माफ करने का सुझाव दिया है.
साल 2003 से 2007 के बीच में केंद्र सरकार ने 6 लाइसेंस को मंजूरी दी है. फिलहाल इस सेक्टर में एयरटेल डिजिटल टीवी, टाटा प्ले, डिश टीवी और सन डायरेक्ट का दबदबा है.
इन चारों ऑपरेटर्स और सरकारी ऑपरेटर दूरदर्शन के कुल सब्सक्राइबर्स की संख्या 6.8 करोड़ से ज्यादा है. ये कंपनियां 8 परसेंट लाइसेंस फीस सरकार को देती हैं. सरकार का कहना है कि चीजे जिस तरह से दिख रही हैं, वैसी होनी नहीं चाहिए.