महीनों के ड्रामे के बाद Elon Musk ने आखिरकार Twitter को खरीद लिया है. इसके साथ ही ट्विटर में कई बड़े बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं. एलॉन मस्क शुरुआत से ही ट्विटर में कई मूलभूत बदलाव की वकालत कर रहे हैं. 44 अरब डॉलर में हुई इस डील के बाद पहला बदलाव तो CEO के रूप में हो रहा है.
रिपोर्ट्स की मानें तो मस्क ने Twitter CEO पराग अग्रवाल को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. सिर्फ पराग अग्रवाल ही नहीं चीफ फाइनेंस ऑफिसर Ned Segal और पॉलिसी हेड विजया गाड्डे को भी कंपनी से निकाल दिया गया है. पराग अग्रवाल और विजया गाड्डे इस डील की शुरुआत से एलॉन के टार्गेट पर थे. उन्होंने शुरुआत से ही इन दोनों पर गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है.
मस्क ने अभी तक ये साफ नहीं किया है कि ट्विटर को लीड कौन करेगा. संभव है कि ट्विटर की पायलट सीट पर अभी एलॉन मस्क ही बैठेंगे. उन्होंने अपने ट्विटर बायो में Chief Twit लिखा है. मस्क ने पहले ही संकेत दिए थे कि डील फाइनल होने के बाद बहुत से लोगों को कंपनी से निकाला जा सकता है.
ट्विटर में फिलहाल 7500 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं. गुरुवार को मस्क ने कहा कि उन्होंने ट्विटर को और ज्यादा पैसे कमाने के लिए नहीं खरीदा है. बल्कि 'मानवता की मदद की कोशिश, जिन्हें वे प्यार करते हैं' के लिए खरीदा है.
मस्क हमेशा से कंटेंट मॉडरेशन का विरोध करते रहे हैं. उन्होंने इस बात को लेकर विजया गाड्डे को मीटिंग में काफी सुनाया था. हालांकि ट्विटर डील फाइनल होने के बाद उन्होंने विजया गाड्डे को बाहर कर दिया है. उम्मीद है कि ट्विटर पर अब कंटेंट मॉडरेशन कम होगा. विजया गाड्डे ने ही पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट को सस्पेंड करने का फैसला किया था.
हेड स्पीच के नाम पर होने वाले कंटेंट मॉडरेशन को मस्क लोगों की आवाज दबाना कहते आए हैं. इसके साथ ही ट्विटर पर नए फीचर्स भी देखने को मिल सकते हैं. मस्क ने एक मीटिंग में चीनी ऐप WeChat का जिक्र किया था. उन्होंने ट्विटर को एक सुपर ऐप की तरह विकसित करने की बात कही थी.
कुछ वक्त पहले ही ट्विटर पर एडिट बटन का फीचर आया है. इस फीचर की मदद से यूजर्स अपने ट्वीट्स को एडिट कर सकते हैं. हालांकि ये फीचर अभी सभी के लिए नहीं है. इसे सिर्फ Twitter Blue यूजर्स के लिए ही जारी किया गया है, जो कंपनी की सब्सक्रिप्शन बेस्ड सर्विस है.
ट्विटर डील की शुरुआत इस साल अप्रैल में हुई थी. 4 अप्रैल को एलॉन मस्क ने ट्विटर में 9.2 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. इसके साथ ही वो कंपनी के सबसे बड़े शेयर होल्डर बन गए. मस्क की हिस्सेदारी को देखते हुए कंपनी ने उन्हें बोर्ड मेंबर में शामिल होने के लिए इनवाइट किया था.
मस्क ने बोर्ड में शामिल होने से इनकार कर दिया. बाद में उन्होंने 54.2 डॉलर प्रति शेयर के भाव से 44 अरब डॉलर में ट्विटर को खरीदने का ऑफर दिया. शुरुआत में कंपनी ने इस ऑफर को स्वीकार नहीं किया था, लेकिन कुछ दिनों बाद शेयरहोल्डर इस डील के लिए तैयार हो गए.
मई महीने में Twitter ने अपनी फाइलिंग में बताया कि प्लेटफॉर्म पर बॉट्स की संख्या सिर्फ 5 परसेंट है. इस पर ही मस्क और पराग अग्रवाल के बीच विवाद शुरू हुआ. 13 मई को मस्क ने डील को होल्ड कर दिया.
16 मई को मस्क और पराग अग्रवाल के बीच बॉट अकाउंट्स को लेकर बहस हुई. इसके बाद 17 मई को मस्क ने डील होल्ड करने की धमकी दी. 8 जुलाई को मस्क डील के पीछे हट गए. 12 जुलाई को ट्विटर ने मस्क पर केस किया.
इसके बाद कुछ दिनों तक मस्क और ट्विटर के बीच चूहे बिल्ली का खेल चलता रहा. 4 अक्टूबर को मस्क ने यू-टर्न लेते हुए एक बार फिर डील को पूरा करने का ऑफर दिया. 27 अक्टूबर को डील फाइनल कर ली गई.