यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध चल रहा है. ये युद्ध साइबर स्पेस में भी लड़ा जा रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार Ukrainian साइबर गोरिल्ला वारफेयर ग्रुप रूस के क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे बिजली और रेलवे पर डिजिटल स्ट्राइक करने की तैयारी कर रहा है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार हैकर की एक टीम इसके लिए तैयारी कर रही है. पिछले हफ्ते यूक्रेन डिफेंस मंत्रालय की ओर से लोकल साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट Yegor Aushev ने रूस के खिलाफ साइबर वार में हैकर्स की मदद मांगी थी.
Yegor Aushev ने कहा कि वो हैकिंग अटैक को ऑर्गेनाइज कर रहे हैं जिससे रूस से साइबर वार निपटने में मदद मिलेगी. उन्होंने ये भी दावा किया था कि उनके ग्रुप ने दर्जनों रूस की सरकारी और बैंकिंग वेबसाइट्स को डाउन कर दिया था.
इसमें कंटेंट को बदल कर युद्ध से जुड़ी तस्वीर को लगा दिया जाता था. उन्होंने इसको लेकर स्पेसिफिक उदाहरण देने से ये कह कर मना कर दिया कि इससे रूसी को उनके ग्रुप को ट्रैक करना आसान हो जाएगा. उन्होंने कहा कि उनके ग्रुप में 1000 से ज्यादा विदेशी वालंटियर जुड़ गए हैं.
इस ग्रुप मे एक विदेशी हैकटिविस्ट ऑर्गेनाइजेशन से कॉर्डिनेट करके रेलवे सिस्टम पर अटैक किया था. रूस की सेना को ले जाने वाले Belarusian Railways को अटैक किया गया. Bloomberg News की एक रिपोर्ट के अनुसार इस अटैक से रेलवे ट्रैफिक सिस्टम को डिसेबल कर दिया था. इसकी टिकटिंग वेबसाइट को भी डाउन कर दिया गया था.
Cyber Partisans ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि उनका ग्रुप Yegor Aushev के साथ काम कर रहा है और इन अटैक को कन्फर्म करता है. उन्होंने बताया कि रिजर्वेशन सिस्टम डाउन कर देने से पैसेंजर्स को पेपर टिकट खरीदने पर मजबूर कर दिया गया. हालांकि, इस अटैक को लेकर रॉयटर्स ने कन्फर्म नहीं किया है.
कंपनी की रिजर्वेशन वेबसाइट मंगलवार दोपहर डाउन थी. इस पर रेलवे के किसी ऑफिशियल ने कमेंट नहीं किया है. हालांकि, रूसी विदेश मंत्रालय के स्पोक्सपर्सन ने एक रूसी न्यूज आउटलेट को बताया कि रूसी एम्बेसी पर साइबर अटैक यूक्रेन की ओर से किया गया था.