VLC Media Player पिछले कुछ वक्त से चर्चा में बना हुआ है. चर्चा में होने की वजह इसका बैन होना है. इस साल की शुरुआत से ही VLC Media Player भारत में बैन है. इसके ब्लॉक होने की जो वजह सामने आई है, वो चौंका वाली है. मीडिया प्लेयर के पब्लिशर VideoLAN ने इस मामले में दूरसंचार विभाग और मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी (MeiTY) को लीगल नोटिस भेजा है.
VideoLAN ने इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन (IFF) की मदद से VLC Media Player के बैन होने पर RTI दायर की थी. इस आरटीआई यानी राइट टू इन्फॉर्मेशन को DoT ने MeiTY को ट्रांसफर कर दिया.
चौंकाने वाली बात ये है कि MeiTY ने जवाब दिया है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. IFF का कहना है कि VideoLAN को VLC Media Player बैन के मामले में ना तो कोई नोटिस दिया गया, ना ही सुनवाई का मौका.
रिपोर्ट्स की मानें तो अब वीडियोलैन ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन और मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी को लीगल नोटिस भेजा है. VLC भारत समेत दुनियाभर में काफी ज्यादा पॉपुलर है. इसका इस्तेमाल एंड्रॉयड स्मार्टफोन के पॉपुलर होने से पहले से किया जा रहा है.
ऐसे में पॉपुलर मीडिया प्लेयर का बैन होना उसके यूजर्स के लिए किसी झटके से कम नहीं था. यह एक ओपन सोर्स ऐप्लिकेशन है और भारत सरकार खुद इसे डिजिटल इंडिया इनिशिएटिव के तहत प्रमोट कर चुकी है. वीडियो लैन का आरोप है कि सरकार ने VLC मीडिया प्लेयर के URL को ब्लॉक करने में नियमों का पालन नहीं किया है.
ऑर्गेनाइजेशन ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन से VLC मीडिया प्लेयर के इस मामले में वैध डॉक्यूमेंट की कॉपी मांगी है, जिसमें मीडिया प्लेयर को बैन करने की वजह बताई गई हो. इसके अलावा VideoLAN ने अपनी बात रखने का मौका मांगा है, जिससे मीडिया प्लेयर पर लगे बैन को हटाया जा सके. भारत में VLC मीडिया प्लेयर का URL 13 फरवरी से ही बैन है.