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WhatsApp के ग्रीवांस ऑफिसर Advocate Paresh B Lal ने कंपनी छोड़ दी है. उन्हें जून में वॉट्सऐप का ग्रीवांस और नोडल ऑफिसर बनाया गया था. अब 6 महीने के अंदर ही उनका रिप्लेसमेंट खोजा जा रहा है.
इसको लेकर Business Insider ने रिपोर्ट किया है. रिपोर्ट के अनुसार परेश बी. लाल WhatsApp और AZB & Partners को छोड़ इंडीपेंडेंट प्रैक्टिस करना चाहते हैं. अभी AZB & Partners के एक पार्टनर Varun Lamba WhatsApp के अंतरिम ग्रीवांस ऑफिसर के तौर पर काम कर रहे हैं.
इसके अलावा कंपनी Chief Compliance Officer को भी हायर कर रही है. ये हायरिंग देश के नए आईटी रूल की वजह से की जा रही है. ये जॉब ओपनिंग वॉट्सऐप के गुरुग्राम ऑफिस के लिए है. WhatsApp के एक स्पोक्सपर्सन ने Business Insider को बताया कि नए कैंडिडेट को रखने का राइट वो रिजर्व रख रहे हैं क्योंकि ये ऑफिसर काफी क्रिटिकल रोल के लिए है. इस जिम्मेदेरी को निभाने के लिए यूनिकली क्वालाइफाइड व्यक्ति की जरूरत है.
भारत के नए आईटी रूल के अनुसार इंटरमीडियरीज को चीफ कंप्लायंस ऑफिसर, एक नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन और एक ग्रीवांस ऑफिसर को रखना जरूरी है. ये सभी भारत के रहने वाले होने चाहिए.
WhatsApp ने जॉब पोस्टिंग में बताया कि उन्हें हाइली मोटिवेटेड प्रोफेशनल्स की जरूरत नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन और ग्रीवांस ऑफिसर की जरूरत वॉट्सऐप इंडिया के लिए है. ये लोग भारत में लॉ-इनफोर्समेंट एजेंसी के साथ कोऑर्डिनेट करेंगे.
कंपनी इसके लिए लॉ-इनफोर्समेंट मैटर में एक दशक से ज्यादा एक्सपीरिएंस रखने वाले व्यक्ति की तलाश कर रही है. Paresh B Lal के LinkedIn प्रोफाइल के अनुसार वो वॉट्सऐप के साथ Attorney-Grievance Officer और Nodal Officer के रुप में मई से अक्टूबर 2021 के बीच काम कर रहे थे.
उन्होंने कंपनी को क्यों छोड़ा है ये वजह अभी पता नहीं चल पाया है. इससे पहले ट्विटर इंडिया के अंतरिम Resident Grievance Officer Dharmendra Chatur ने अपने अपॉइंटमेंट के चार हफ्ते के अंदर ही इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, WhatsApp ने कभी चीफ कंप्लायंस ऑफिसर के अपॉइंटमेंट को फॉर्मली अनाउंस नहीं किया था.