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Xiaomi India को मिला नया बॉस, मैनेजिंग टीम में हुए बड़े बदलाव, ED ने जब्त किए थे करोडों रुपये

Xiaomi India में कई बड़े बदलाव हुए हैं. कंपनी की जिम्मेदारी Alvin Tse को सैंप दी गई है. Tse शाओमी की ग्लोबल फाउंडिंग टीम का हिस्सा रह चुके हैं. उनके पास शाओमी इंडोनेशिया की जिम्मेदारी भी है. भारतीय यूनिट में वह मनु कुमार जैन को रिप्लेस करेंगे.

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Xiaomi India
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • Xiaomi India में हुई Alvin Tse की एंट्री
  • संभालेंगे जनरल मैनेजर की जिम्मेदारी
  • अनुज शर्म की हुई CMO पद पर वापसी

Xiaomi India के अपनी मैनेजिंग टीम में कई बड़े बदलाव किए हैं. कंपनी ने मनु कुमार जैन के जाने के कई महीने बाद अपने नए जनरल मैनेजर के नाम का ऐलान किया गया है. Alvin Tse अब शाओमी इंडिया के नए जनरल मैनेजर होंगे. बता दें कि मनु कुमार जैन कंपनी के ग्रुप वाइस प्रेसिडेंट बन गए हैं.

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उनके जाने के बाद से ही Xiaomi India के एमडी की जगह खाली थी. Alvin Tse ब्रांड के ग्लोबल फाउंडिंग टीम का हिस्सा हैं. Tse शाओमी और पोको की फाउंडिंग टीम का हिस्सा रहे हैं. इससे पहले वह Xiaomi Indonesia के जनरल मैनेजर थे. 

किसे मिली कौन-सी जिम्मेदारी

कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, Alvin Tse जल्त ही शाओमी इंडिया की लीडरशिप टीम से जुड़ेंगे. इस टीम में COO मुरलीकृष्ण, CBO रघु रेड्डी और CFO समीर बीएस राव हैं. अनुज शर्मा जिन्हें पहले पोको इंडिया का डायरेक्टर नियुक्त किया गया था. उनकी शाओमी इंडिया में CMO के तौर पर वापसी होगी. शर्मा को साल 2020 में पोको इंडिया का डायरेक्टर बनाया गया था.

ईडी ने की थी बड़ी कार्रवाई

हाल में ही शाओमी इंडिया का नाम टैक्स से जुड़ी गड़बड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग में आया है. ED ने कंपनी की 5,551.27 करोड़ रुपये जब्त किए हैं. शाओमी इंडिया के पैसे अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में थे.

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कंपनी पर FEMA (विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून) और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा है. साल 2014 में भारतीय बाजार में एंट्री करने वाली शाओमी इंडिया ने 2015 में अपनी पैरेंट कंपनी शाओमी (चीनी यूनिट) को पैसे भेजने शुरू किए थे. 

रॉयल्टी ने नाम पर हुआ था खेल?

ईडी ने इस मामले में जानकारी दी थी कि शाओमी इंडिया ने तीन अलग अलग कंपनी को रॉयल्टी के नाम पर पैसे भेजे हैं. इसमें से एक कंपनी शाओंमी ग्रुप का ही हिस्सा है, जबकि अन्य दो कंपनियां अमेरिकी हैं.

इन कंपनियों को भेजे गए पैसे का आखिरी फायदा शाओमी ग्रुप को ही पहुंचा है. जांच में पता चला है कि शाओमी इंडिया अपनी मैन्युफैक्चरिंग भारत में करती है और इन कंपनियों से कोई सर्विस नहीं ली है. ऐसे में यह पैसे क्यों ट्रांसफर किए गए हैं, इसकी जांच चल रही है. 

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