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केंद्र सरकार के रडार पर तीन चाइनीज मोबाइल कंपनियां, टैक्स चोरी का आरोप

Oppo, Vivo और Xiaomi का नाम पिछले दिनों टैक्स चोरी में सामने आया है. इन तीनों ही कंपनियों को अलग-अलग एजेंसी से नोटिस भेजा जा चुका है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मामले में राज्यसभा में जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि सरकार इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं. इस लिस्ट में सबसे हालिया मामला ओपो का है, जिसे DRI ने टैक्स चोरी के मामले में नोटिस जारी किया है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.

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Oppo, Vivo और Xiaomi को भेजा गया है नोटिस
Oppo, Vivo और Xiaomi को भेजा गया है नोटिस
स्टोरी हाइलाइट्स
  • Xiaomi, Vivo और Oppo पर टैक्स चोरी का आरोप
  • राज्यसभा में वित्त मंत्री ने दी जानकारी
  • तीनों ही कंपनियों को भेजा जा चुका है नोटिस

Xiaomi, Vivo और Oppo का नाम आप स्मार्टफोन ब्रांड के तौर पर जानते हैं. ये कंपनियां अक्सर अपने फोन्स को लेकर चर्चा में रहती है, लेकिन हाल फिलहाल में इनके चर्चा में आने का विषय कुछ और है. इन सभी कंपनियों का नाम टैक्स चोरी के आरोप में सामने आया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में इस विषय पर जानकारी दी है. 

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उन्होंने बताया कि सरकार तीनों चीनी कंपनियों पर टैक्स चोरी के आरोप के मामले पर नजर बनाए हुए है. उन्होंने बताया कि Oppo, Vivo India और Xiaomi को इस मामले में नोटिस भेजा जा चुका है. 

Oppo पर 4389 करोड़ रुपये के टैक्स चोरी का आरोप

DRI (डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) ने मोबाइल निर्माता कंपनी ओपो को 4,389 करोड़ रुपये का नोटिस जारी किया है. यह नोटिस मिस-डिक्लेरेशन की वजह से कस्टम ड्यूटी में शॉर्ट पेमेंट के आधार पर दिया गया है. वित्त मंत्री ने बताया, 'हमारा मानना है कि टैक्स चोरी लगभग 2981 करोड़ रुपये की है.'

Xiaomi पर भी है आरोप 

उन्होंने कहा, 'इंपोर्टेड गुड्स पर कस्टम ड्यूटी पेमेंट मामले में, हमें लगता है कि 1,408 करोड़ रुपये की चोरी है.' सीतारमण ने शाओमी पर भी जानकारी दी है. शाओमी भारत में Redmi, Poco और MI (अब Xiaomi) ब्रांड्स के फोन्स की डील करती है. उन्होंने बताया कि शाओमी पर लगभग 653 करोड़ रुपये की ड्यूटी की देनदारी बनती है. तीन नोटिस के बदले उन्होंने सिर्फ 46 लाख रुपये डिपॉजिट किए हैं. 

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वीवो भी जांच के दायरे में

इस लिस्ट में तीसरा नाम Vivo का है. वीवो को भी 2217 करोड़ रुपये का डिमांड नोटिस जारी किया जा चुका है. कंपनी ने 60 करोड़ रुपये वॉलंटरी डिपॉजिट किए हैं. वित्त मंत्री ने बताया कि इनके अलावा ED 18 अन्य कंपनियों की भी जांच कर रही है, इसी ग्रुप Vivo ने स्थापित किया है. 

ओपो के मामले में यूनियन फाइनेंस मिनिस्ट्री ने बताया था कि DRI ने ओपो के ऑफिस और कुछ प्रमुख मैनेजमेंट एक्जीक्यूटिव्स के घर पर जांच और छापेमारी की थी. जांच में एजेंसी ने पाया कि ओपो इंडिया ने मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग के कुछ आइटम्स के इंपोर्ट की सही जानकारी नहीं दी. इसके आधार पर कंपनी ने 2981 करोड़ रुपये की ड्यूटी छूट हासिल की है. 

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