स्मार्टफोन हमारी रोजमर्रा की लाइफस्टाइल का हिस्सा बन चुके हैं. अब इन्हें सिर्फ फोन या फिर एंटरटेनमेंट डिवाइस की तरह इस्तेमाल नहीं किया जाता. बल्कि ये लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा हो गए हैं, जिन्हें आप अलग नहीं कर सकते हैं. इन्हें लाइफस्टाइल प्रोडक्ट की तरह देखा जाता है.
स्मार्टफोन्स में सिर्फ कॉल और कनेक्टिविटी की सुविधा ही नहीं मिलती है. बल्कि इंटरनेट की वो दुनिया भी आपके हाथों में आती है, जहां बहुत सी चीजों का असीमित भंडार है.
कुछ साल पहले तक स्मार्टफोन को लोग जरूरत की चीज मानते थे, लेकिन अब यह बड़ी आबादी के लिए जरूरी बन गया है. बड़ी संख्या में बच्चे भी इसका इस्तेमाल करते हैं. बच्चों के हाथ में मोबाइल फोन और इंटरनेट कनेक्टिविटी के होने से उनके पैरेंट्स की जिम्मेदारी बढ़ा जाती है.
जरूर से ज्यादा किसी भी चीज का इस्तेमाल लोगों को उसका आदी बनाता है. ऐसा ही कुछ स्मार्टफोन्स के साथ भी है. वहीं बच्चों को इसकी खतरनाक आदत पड़ना उनके लिए कई तरह से नुकसानदायक हो सकता है.
Common Sense Media के मुताबिक युवा एक दिन में औसत 7 घंटे 22 मिनट तक वक्त स्मार्टफोन पर बिता रहे हैं. वहीं 8 से 12 साल की उम्र के बच्चे औसत 4 घंटे 44 मिनट तक वक्त पूरे दिन में फोन पर बिताते हैं.
खास तौर पर कोरोना वायरस महामारी के वक्त बच्चों में फोन का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ा है. चूंकि पढ़ाई से लेकर एंटरटेनमेंट तक सब कुछ स्मार्टफोन पर ही हो रहा था, तो बच्चों को इसकी आदत पड़ना लाजमी था.
अगर आपको भी लगता है कि बच्चों की मॉनिटरिंग और कंटेंट मॉडरेशन जरूरी है, तो तुरंत ही फोन में पैरेंटल कंट्रोल ऑन कर देना चाहिए. इस सेटिंग को ऑन करते ही बच्चों फोन में कंटेंट फिल्टर, यूज लिमिट और मिनिटरिंग जैसी कई सुविधाएं आपको मिल जाएंगी.
फोन्स में आपको पैरेंट कंट्रोल का ऑप्शन मिलता है. यूज करने के लिए आपको सिर्फ इसे ऑन करना होगा. आइए जानते हैं आप किस तरह से एंड्रॉयड फोन में पैरेंटल कंट्रोल ऑन कर सकते हैं.
सबसे पहले आपको Google Play App पर जाना होगा.
यहां आपको प्रोफाइल आइकन पर क्लिक करना होगा, जो दाईं ओर टॉप कॉर्नर पर मिलेगा.
अब आपको सेटिंग में जाना होगा और Family पर क्लिक करना होगा. इसके बाद आपको Parental Control का ऑप्शन मिलेगा.
यहां क्लिक करके आप फोन में पैरेंटल कंट्रोल को एक्टिवेट कर सकते हैं.
आपको इसके लिए एक पिन एंटर करना होगा. अब आप चुन सकते हैं कि किस तरह के कंटेंट फोन में दिखेंगे और कैसे नहीं.
अगर आप सोच रहे हैं कि आपको ये सेटिंग कब ऑन करनी चाहिए, तो हम कुछ डिटेल्स शेयर कर रहे हैं. बच्चों की कुछ आदतें आपको एक आइडिया दे देंगी कि फोन में पैरेंटल कंट्रोल ऑन करना चाहिए क्या नहीं.
क्या वो आपकी बातचीत पर ध्यान नहीं दे रहे हैं और रिप्लाई नहीं कर रहें हैं?
होम वर्क और घरेलू काम को इग्नोर करना.
फोन की ब्राउजिंग हिस्ट्री में रिस्की कंटेंट मिलना या फिर ब्राउजिंग हिस्ट्री का डिलीट मिलना.
मांगने पर अपना स्मार्टफोन नहीं देना और उसके लिए लड़ाई तक करना.
किसी भी घरेलू कार्यक्रम में शामिल नहीं होना और नॉन-डिजिटल एक्टिविटी का कम होना.
फोन को यूज करने के लिए अलग कमरे में जाना.
बच्चों का चिड़चिड़ा होना और ज्यादातर वक्त उनका ऑनलाइन मिलना.