भारत में ऑनलाइन घोटाले की बाढ़ सी आ गई है. त्यौहारी सीजन में बहुत सारे लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार हुए हैं. किसी का 360 रुपये के बीयर ऑर्डर करने के चक्कर में अकाउंट से 45 हजार कट गए तो कोई ऑनलाइन मिठाई ऑर्डर करने के चक्कर में अपने 2 लाख 40 हजार रुपये गंवा बैठा. ऑनलाइन ठगी को रोकने के लिए लोगों को सतर्क किया जाता है, लेकिन साइबर ठग हर रोज नए-नए तरीके अपना कर ठगी कर रहे हैं.
ऐसे में हम सवाल उठता है कि इन ऑनलाइन ठगी से कैसे बचें. इस बारे में हमने बात की साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट ध्रुव शर्मा से. उनके के अनुसार, ऑनलाइन घोटाला ऐसी क्रिमिनल एक्टिविटी है जिसमें कंप्यूटर, नेटवर्क डिवाइस या नेटवर्क के जरिए ठगी की जाती है, साइबर अपराधी इसके जरिए प्राइवेसी से लेकर पैसे तक उड़ा ले जाते हैं, डेटा हैकिंग, फिशिंग मेल, ओटीपी फ्रॉड और मोबाइल फ्रॉड, सेक्सटॉर्शन जैसे तमाम अपराध हैं, जिन्हें साइबर अपराधी अंजाम देते हैं.
ऑनलाइन ठगी से कैसे बचें?
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट ध्रुव शर्मा ने कहा कि जब भी आपको कोई मेल, टेक्स्ट, नोटिफिकेशन या कोई लिंक मिलता है तो उसे तुरंत मत खोलें, यह फ़िशिंग, हैकिंग, साइबर धोखाधड़ी या पहचान की चोरी करने का प्रयास भी हो सकता है, वेबसाइट और विक्रेता की जानकारी की प्रामाणिकता की जांच करने के बाद कुछ करें.
'ऑनलाइन घोटाले से जुड़े ज्यादातर मामले IT एक्ट 2000 के तहत चलते हैं. अपराधियों के खिलाफ धारा 43, 65, 66 और 67 के तहत केस चलते हैं. IPC की धारा 420, 120बी और 406 के तहत भी केस चल सकता है.'
ऑनलाइन ठगी का शिकार होने पर क्या करें?
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट ध्रुव शर्मा ने कहा कि साइबर क्राइम से जुड़े मामलों को पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां दोनों देखती हैं, अगर आप किसी भी तरह के ऑनलाइन घोटाले का शिकार होते हैं तो www.cybercrime.gov.in लिंक पर जाकर अपनी शिकायत रजिस्टर करा सकते हैं. पुलिस स्टेशन में जाकर आप साइबर सेल में भी अपने खिलाफ हुई धोखाधड़ी के बारे में जानकारी दे सकते हैं. साइबर अपराधों से जुड़े मामलों की शिकायत हेल्पलाइन नंबर 155260 पर की जा सकती है. बैंक अकाउंट से जुड़े फ्रॉड के मामले भी यहीं दर्ज कराए जा सकते हैं.
बैंक फ्रॉड होने पर क्या करें?
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट ध्रुव शर्मा ने कहा कि अगर आपके साथ बैंकिंग फ्रॉड हुआ है तो अपना बैंक अकाउंट, ट्रांजैक्शन डीटेल्स से संबंधित विवरण पुलिस को दें और जल्द से जल्द अपने बैंक के कस्टमर केयर पर कॉल करके फ़्रॉड हुए ट्रांजैक्शन पर डिस्प्यूट/ चार्जबैक केस दर्ज करें अगर आपके पास सबूत के तौर पर स्क्रीन शॉट्स हैं तो उन्हें भी दें.
ध्रुव शर्मा ने बताया कि कई मामलों में पैसे रिकवर हो जातें है, कई मामलों में ऐसा कर पाना नामुमकिन हो जाता है. बता दें कि ऑनलाइन घोटाले से जुड़े ज्यादातर मामले IT एक्ट 2000 के तहत चलते हैं. अपराधियों के खिलाफ धारा 43, 65, 66 और 67 के तहत केस चलते हैं. IPC की धारा 420, 120बी और 406 के तहत भी केस चल सकता है.