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डुअल सिम कार्ड वाले फोन्स आजकल ट्रेंड में हैं. बड़ी संख्या में लोग एक से ज्यादा सिम कार्ड यूज करते हैं. हालांकि, पिछले कुछ वक्त में यह चलन कम हुआ है. अब हमारी सभी जरूरतें एक ही टेलीकॉम ऑपरेटर से पूरी हो जाती हैं. इसका फायदा तो है, लेकिन एक छिपा हुआ नुकसान भी है, जिस पर हमारा ध्यान काफी देर में जाता है.
एक सिम कार्ड यूज करते हुए हम अपने दूसरे सिम कार्ड्स पर ध्यान नहीं देते हैं. टेलीकॉम कंपनियां अब किसी भी सिम कार्ड या फोन नंबर के साथ लाइफ टाइम इनकमिंग नहीं देती हैं.
यानी आपको अपने कार्ड को एक्टिव रखने के लिए एक मिनिमम रिचार्ज प्लान चाहिए होगा. ऐसे में बहुत से लोग गलती कर बैठते हैं. क्योंकि उनके पास मौजूद एक सिम कार्ड से ही उनके लगभग सभी काम हो जाते हैं.
ऐसे में लोग दूसरे सिम कार्ड को भूल जाते हैं और कंपनियां कुछ महीने बाद इन्हें बंद कर देती हैं. दिल्ली में ऐसा एक मामला सामने आया है, जिसमें एक कारोबारी को लाखों की चपत लग गई.
दरअसल, दिल्ली में जिस कारोबारी के बैंक अकाउंट से लाखों रुपये की ठगी हुई है, वो लंबे समय से अपना सिम कार्ड यूज नहीं कर रहा था. जांच में पाया गया है कि बैंक में कारोबारी ने जो नंबर रजिस्टर था, वो लंबे समय से इन-एक्टिव था.
टेलीकॉम कंपनी ने उस फोन नंबर को किसी और यूजर को अलॉट कर दिया. आशंका जताई जा रही है कि जिस व्यक्ति को सिम कार्ड दोबारा अलॉट किया गया था, उसने ही इस ठगी को अंजाम दिया है. इस मामले में पुलिस अभी जांच कर रही है.
अब समझना होगा कि ये पूरी घटना हुई कैसे? दरअसल, बहुत से लोग दो या इससे अधिक सिम कार्ड यूज करते हैं. बैंक अकाउंट्स से यूजर्स SMS और दूसरे OTP अलर्ट्स के लिए अपना फोन नंबर रजिस्टर करते हैं.
इन्हीं नंबर के बदौलत आप ऑनलाइन पेमेंट ऐप्स भी यूज कर पाते हैं. लंबे समय तक किसी नंबर (90 दिनों तक) के बंद रहने पर कंपनियां इन्हें नए यूजर्स को रजिस्टर कर देती हैं.
ऐसे में अगर आपका फोन नंबर बैंक अकाउंट से जुड़ा है और किसी दूसरे के नाम पर अलॉट हो जाता है, तो आप भी ठगी का शिकार हो सकते हैं. जैसे ही आप किसी ऑनलाइन पेमेंट ऐप को इंस्टॉल करते हैं और एक्टिव करते हैं, तो वो आपके एक्टिव नंबर से अटैच्ड बैंक अकाउंट्स की डिटेल्स फीच कर लेता है.
खासकर तब जब आप पहले से ही उस नंबर से किसी ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म को यूज कर रहे हों. ऐसे में अगर आप भी अपने सिम कार्ड या फोन नंबर को यूज नहीं कर रहे हैं, तो उसे बंद करने से पहले रजिस्टर बैंक अकाउंट से भी रिमूव कर दें.
अगर आप बैंक अकाउंट रिमूव नहीं करते हैं, तो आपके बैंक से जुड़े मैसेज उस नंबर पर आते रहेंगे. इस स्थिति में आप साइबर फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं.