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OnePlus ने हाल में अपना फ्लैगशिप फोन OnePlus 11 5G लॉन्च किया है. इस लॉन्च इवेंट में कंपनी ने अपने फोल्डिंग फोन को टीज किया है. इसके अलावा Oppo भी अपना फ्लिप फोन लेकर आ रहा है. सैमसंग पहले से ही फोल्डिंग और फ्लिप दोनों तरह के फोन्स बेच रहा है. बल्कि इस मार्केट में Samsung का एक तरफा कब्जा है.
वहीं Xiaomi, Vivo और Motorola भी अपने फोल्डिंग व फ्लिप फोन्स लॉन्च कर चुके हैं. यह कोई पहला मौका नहीं है, जब एक इनोवेशन के बाद सभी कंपनियों ने उसी रास्ते पर चलना शुरू किया हो. पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है.
पिछले कई सालों से स्मार्टफोन में ऐसा कोई इनोवेशन नहीं आया, जो इसकी परिभाषा बदल कर रख दे. ऐपल ने साल 2007 में जब पहला आईफोन लॉन्च किया था, तो वो दुनिया में अपनी तरह का पहला प्रोडक्ट था.
उस वक्त शायद ही किसी ने सोचा होगा कि एक फोन जिसमें बटन्स नहीं सिर्फ स्क्रीन दी जाए और उसमें इतने सारे फीचर्स हों. ऐपल ने ये कदम उठाया और साल 2012 तक ऐपल दुनिया भर में अपने iPhone के लिए पॉपुलर हो चुकी थी. कंपनी हर दिन लाखों की संख्या में स्मार्टफोन्स बेच रही थी.
फिर क्या था... सभी कंपनियों ने इस ओर अपना रुख मोड़ लिया. एक के बाद एक टच-स्क्रीन वाले फोन्स लॉन्च होने लगे. इस दौरान सैमसंग और ऐपल में टक्कराव भी काफी ज्यादा बढ़ गया. मामला कोर्ट तक पहुंचा और बाद में इसे सेटल किया गया है.
खैर इस पर फिर कभी बात करेंगे. अभी बात करते हैं स्मार्टफोन्स की इनोवेशन की कहानी पर. भारतीय स्मार्टफोन बाजार की बात करें तो साल 2011 में एंड्रॉयड और iPhone दिखते थे, लेकिन कुछ एक लोगों के हाथों में.
ज्यादातर लोग उस वक्त Blackberry को प्रीमियम ब्रांड मानते थे, लेकिन बदलते वक्त के साथ Blackberry और Nokia जैसे बड़े ब्रांड्स की कहानी खत्म हो गई. ये दौर था Android, iOS और टच-स्क्रीन फोन्स का.
इसके बाद इनोवेशन के नाम पर डिस्प्ले का डिजाइन, क्वालिटी बदली, कैमरों की संख्या बढ़ी और बैटरी बड़ी हो गई. हां, प्रोसेसर भी साथ के साथ बेहतर होता गया. फिर एक फोन की एंट्री होती है. सैमसंग ने अपना पहला फोल्डिंग फोन पेश किया.
कीमत ज्यादा थी, लेकिन टेक्नोलॉजी अपनी तरह की पहली थी. पहली बार लोगों के हाथ में एक ऐसा फोन पहुंचा जिसका डिस्प्ले मुड़ता था. धीरे-धीरे कंपनी ने इसे बेहतर किया. ब्रांड ने क्लैमशेल डिजाइन वाले फ्लिप फोन लॉन्च किया.
ये बातें साल 2019 की है. सैमसंग ने बेहतरीन डिस्प्ले और हिंज की बतौलत एक ऐसा फोन बना लिया, जिस पर दूसरी कंपनियां लगभग चार साल बाद तक नहीं पहुंच पाई हैं. ऐपल के फोल्डिंग फोन की अभी तक कोई खबर नहीं है.
कयास लगाए जा रहे हैं कि कंपनी साल 2025 तक अपना पहला फोल्डिंग फोन लॉन्च करेगी. Xiaomi, Oppo, Vivo, OnePlus समेत तमाम ब्रांड्स अपने फोल्डिंग फोन्स लेकर आ रहे हैं, जो बताता है कि स्मार्टफोन्स का अलगा स्टेज फोल्डिंग फोन्स ही हैं. ये बहुत बड़ा इनोवेशन नहीं है, लेकिन आप इसे फ्यूचर फोन्स की दिशा में नया कदम मान सकते हैं.
इससे एक बार फिर कॉम्पैक्ट फोन्स का दौर लौट सकता है. हालांकि, ये ट्रेंड अगले कुछ सालों के लिए ही होगा. इस दशक के अंत तक हमें स्मार्टफोन्स की कैटेगरी में कोई बड़ा अपडेट देखने को मिल सकता है. विभिन्न कंपनियां लगातार इस पर काम कर रही है.
नोकिया के प्रेसिडेंट Pekka Lundmark और Microsoft के फाउंडर बिल गेट्स ने इस दिशा में कुछ कयास लगाए हैं. Pekka का मानना है कि साल 2030 में जब 6G आएगा, तो स्मार्टफोन्स कॉमन इंटरफेस नहीं रहेंगे. बल्कि हम इन्हें किसी और रूप में यूज कर रहे होंगे.
वहीं बिल गेट्स की मानें तो उन्हें लगता है कि आने वाले साल में स्मार्टफोन्स इलेक्ट्रॉनिक टैटूज का रूप ले सकते हैं. ऐसा लगता है कि आने वाले वक्त में हर तरफ स्मार्टफोन्स होंगे. या फिर हर चीज स्मार्ट होगी. यूजर्स अपने चश्मे से लेकर घड़ी तक में फोन लेकर घूम सकेंगे.