स्मार्टफोन के इतिहास पर नजर डालेंगे, तो आपको बहुत ज्यादा पुराना डेटा नहीं मिलेगा. महज दो दशक के सफर में ये टेक्नोलॉजी जिस स्पीड के विकसित हुई है. इसका भविष्य कैसा होगा इसकी कल्पना मात्र उत्साह भर देती है. फुल टच स्क्रीन, फिर पंच होल, अंडर डिस्प्ले कैमरा और स्पीकर, फोल्डिंग स्मार्टफोन के आगे अब क्या नया देखने को मिलेगा.
टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स तरह-तरह कयास लगाते रहते हैं. इन्हीं कयासों से तो हमारे फ्यूचर फोन का कॉन्सेप्ट निकलकर आएगा. स्मार्टफोन मैन्युफैक्चर्र कई तरह के पेटेंट फाइल करते रहते हैं. हम बिना पोर्ट और बटन वाले एक फोन का कॉन्सेप्ट पहले ही देख चुके हैं.
इसके अलावा डिस्प्ले, प्रोसेसर, AI और दूसरी टेक्नोलॉजी पर भी कंपनियां काफी ज्यादा काम कर रही हैं. इनमें हमें फ्यूचर फोन्स की झलक देखने को मिलती है. आइए जानते हैं फ्यूचर में कैसे स्मार्टफोन्स देखने को मिल सकते हैं.
कभी साईफाई फिल्मों का हिस्सा रहा होलोग्राफिक डिस्प्ले भविष्य में वीडियो कॉन्फ्रेंस का नया मीडियम होगा. इस फीचर को आपने स्टार वॉर्स, ब्लेड रनर 2049, आई, रोबोट और आयरन मैन जैसी फिल्मों में देखा होगा.
साल 2030 तक स्मार्टफोन में होलोग्राफिक डिस्प्ले का फीचर मिल सकता है. इस फीचर की मदद से 3D इमेज या वीडियो को रेंडर किया जा सकेगा. इसके लिए आपको किसी एक्स्ट्रा गैजेट की जरूरत नहीं होगी.
जिस तरह से टेक्नोलॉजी विकसित हो रही है, फ्यूचर के फोन्स में हमें कोई पोर्ट ही नहीं मिलेगा. हम अंडर डिस्प्ले कैमरा, अंडर डिस्प्ले स्पीकर और वायरलेस चार्जिंग देख चुके हैं. ऐसा एक फोन मार्केट में आ भी चुका है.
Vivo 2019 Apex ऐसा ही एक कॉन्सेप्ट फोन था. लेटेस्ट आईफोन (iPhone 14 अमेरिकी मॉडल) में फिजिकल सिम कार्ड का ऑप्शन तक नहीं है. eSIM का इस्तेमाल धीरे-धीरे अब आम हो चुका है. ऐसे में भविष्य के फोन्स में हमें किसी भी पोर्ट की जरूरत ही नहीं होगी.
10 से 15 साल पहले किसने सोचा था कि स्मार्टफोन्स हमारी लाइफस्टाइल का इतना जरूरी हिस्सा बन जाएंगे. अब ऐसा हो चुका है. एंटरटेनमेंट से लेकर जरूरी कॉल्स तक के लिए हम स्मार्टफोन्स पर निर्भर हैं. ऐसे में क्या हो कि फ्यूचर में स्मार्टफोन को कोई और डिवाइस रिप्लेस कर दे.
आप जिस स्मार्टवॉच को इस्तेमाल कर रहे हैं, कल वो इतनी डेवलप हो जाए कि आपके फोन को रिप्लेस कर दे. वहीं एक्सपर्ट्स तो इससे भी आगे का सोच रहे हैं. माइक्रोसॉफ्ट फाउंडर बिल गेट्स की मानें तो इलेक्ट्रॉनिक टैटूज स्मार्टफोन को रिप्लेस कर सकते हैं.
इस तरह की टेक्नोलॉजी पर काम चल रहा है. वहीं Nokia के CEO Pekka Lundmark ने इस साल वर्ल्ड इकोनॉमिक फोर्म में कहा था कि 2030 में जब 6G आएगा, तो स्मार्टफोन कॉमन इंटरफेस नहीं होंगे. बल्कि इसकी जगह हम किसी और रूप में इन सर्विसेस को यूज कर रहे होंगे.