एलॉन मस्क की सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस Starlink लगातार चर्चा में है. चर्चा की वजह है Starlink की जियो और एयरटेल के साथ अलग-अलग लेकिन एक जैसे पार्टनरशिप. एलॉन मस्क की एरोस्पेस कंपनी SpaceX जल्द ही भारत में जियो और एयरटेल की मदद से सैटेलाइट इंटरनेट मुहैया करा पाएगी.
हालांकि, अभी तक Starlink को भारत सरकार की ओर से हरी झंडी नहीं मिली है. Airtel और Jio की ओर से जारी जानकारी में बताया गया है कि ये दोनों ही स्टारलिंक इक्विपमेंट को अपने स्टोर पर बेचेंगी. ये पूरी सर्विस काम कैसे करेगी इस पर अभी ज्यादा जानकारी नहीं है.
जियो और एयरटेल के पास AirFiber की सर्विस है, जो वायरलेस इंटरनेट सर्विस ऑफर करती है. एक सवाल लोगों के मन में ये आ रहा है कि जब एयर फाइबर की सर्विस मौजूद थी, तो Starlink के आने से क्या फायदा होगा. साथ ही Apple iPhone पर सैटेलाइट कम्युनिकेशन का ऑप्शन मिलता है. आइए जानते हैं ये सभी टेक्नोलॉजी एक दूसरे से कैसे अलग हैं.
मौजूदा AirFiber कुछ और नहीं बल्कि वायरलेस ब्रॉडबैंड सर्विस है, जिसमें आपको 5G नेटवर्क और एडवांस Wi-Fi 6 टेक्नोलॉजी के जरिए हाई-स्पीड इंटरनेट मिलता है. भले ही ये सर्विस वायरलेस हो, लेकिन फिर भी इसमें टावर पर निर्भर रहना पड़ता है. इसमें आपके घर पर एक एंटीना लगाया जाता है, जो नजदीकी टेलीकॉम टावर से आपको कनेक्ट करता है.
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ये सर्विस उन एरिया में काफी मददगार साबित होती है, जहां ब्रॉडबैंड केबल को नहीं पहुंचाया जा सकता है. इस पर आपको 100 से 200 Mbps की स्पीड लो लेटेंसी के साथ मिल जाती है. जियो और एयरटेल दोनों ही इस तरह की सर्विस ऑफर करती हैं.
Starlink भारत में मिलने वाले एयरफाइबर से बहुत अलग है. जहां एयरफाइबर किसी टावर से कनेक्टेड होते है, जिसकी वजह से उनकी कनेक्टिविटी एक सीमा तक ही मिलती है. वहीं Starlink एक सैटेलाइट बेस्ट इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर है, जिसे SpaceX की सैटेलाइट से कनेक्टिविटी मिलती है.
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इसमें लो-अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी मदद से यूजर्स को हाईस्पीड इंटरनेट मिलता है. चूंकि ये सर्विस सैटेलाइट से सीधे मिलती है, इसलिए ऐसी जगहों पर भी उपलब्ध हो सकती है जहां टावर लगाने और केबल बिछाने की जगह ना हो. फिलहाल 7 हजार से ज्यादा स्टारलिंक सैटेलाइट काम कर रहे हैं, जिनकी मदद से यूजर्स को रिमोट एरिया में भी कनेक्टिविटी मिल सकती है.
इसे यूज करने के लिए भी आपको अपने घर पर एक एंटीना का इस्तेमाल करना होगा, जो सीधे सैटेलाइट से कनेक्ट होगा और आपको इंटरनेट प्रदान करेगा. आसान भाषा में आप इसे टीवी के डिश एंटीना जैसा समझ सकते हैं. एक बार कनेक्ट होने के बाद आप Wi-Fi की मदद से अपने फोन और दूसरे डिवाइसेस को कनेक्ट कर पाएंगे.
नहीं, ऐसा बिलकुल नहीं होने वाला है. स्टारलिंक को इस्तेमाल करने के लिए आपको एयरफाइबर की तरह ही एक रिसीवर की जरूरत पड़ेगी. कुछ यूजर्स iPhone के लेटेस्ट मॉडल्स में मिलने वाले सैटेलाइट कम्युनिकेशन फीचर और स्टारलिंक में कंफ्यूज हो सकते हैं.
iPhone 16 Pro में मिलने वाला सैटेलाइट कम्युनिकेशन फीचर पुराने सैटेलाइट फोन की तरह ही काम करता है. सैटेलाइट फोन में सेल्यूलर कनेक्शन या Wi-Fi का इस्तेमाल नहीं होता है. बल्कि ये स्पेशल नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं, जो कुछ कंपनियां ऑफर करती है. ये कंपनियां सैटेलाइट के डायरेक्ट कनेक्टिविटी को मैनेज और ऑपरेट करती हैं.