Hidden Camera यानी Spy Camera का नाम तो सुना होगा. इस तरह के कैमरे का इस्तेमाल चुपके से किसी की फोटो या वीडियो लेने के लिए होता है. इस तरह के कैमरे का इस्तेमाल होटल, पीजी, हॉस्टल, चेंजिंग रूम कहीं भी हो सकता है. कुछ महीनों पहले ऐसी ही एक घटना उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से सामने आई थी.
यह अपनी तरह का कोई पहला मौका नहीं था, जब किसी ने हिडन कैमरे का इस्तेमाल किया है. ऐसे मामले हर दिन आते रहते हैं. इस तरह की किसी स्थिति का सामना आपको ना करना पड़े, इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. आप बहुत ही आसानी से हिडन कैमरे का पता लगा सकते हैं. आइए जानते हैं इसका आसान तरीका.
कैमरा किसी भी जगह पर नहीं रखा जा सकता है. इसलिए इन्हें कुछ खास जगहों पर छिपाया जाता है. खासतौर पर ऐसे कैमरे- स्मोक डिटेक्टर, एयर फिल्टर, बुक्स, घड़ी, स्टफ्ड टेडी, टीवी बॉक्स, हेयर ड्रायर, पेन या किसी वॉल डेकोर में हो सकते हैं.
कुछ मामलों में इन्हें शॉवर, कमरे की छत, डेस्क प्लान्ट में छिपाया जाता है. अगर आप किसी बाहरी जगह पर रुक रहे हैं, तो इन जगहों पर अपनी नजर जरूर दौड़ा लें.
कई जगहों पर नाइट विजन कैमरों का इस्तेमाल किया जाता है. इस तरह के कैमरे आप बहुत ही आसानी से खोज सकते हैं. नाइट विजन वाले कैमरों में ग्रीन या रेड LED लाइट्स लगी होती हैं, जो अंधेरे में चमकती हैं. ऐसे कैमरों को खोजने के लिए आपको कमरे की लाइट ऑफ करनी होगी. लाइट्स ऑफ होते ही ये कैमरे चमकने लगेंगे.
क्या आप अपने फोन से भी हिडन कैमरे खोज सकते हैं? फोन आपकी मदद कर सकते हैं, लेकिन इनके रिजल्ट को 100 परसेंट सही नहीं माना जा सकता है. इसके लिए आप कुछ ट्रिक का इस्तेमाल कर सकते हैं. कैमरों से रेडियो फ्रिक्वेंसी जनरेट होती है, इसलिए आप इन्हें खोज सकते हैं.
यहां ये कहना बेहतर होगा कि फोन आपकी मदद कर सकते हैं. जैसे ही आप फोन कॉल करेंगे और उस जगह पर जाएंगे, जहां कैमरा होगा, तो सिग्नल डिस्टर्ब होगा. यानी फोन पर बात करने में दिक्कत होगी. इसके अलावा आप कुछ ऐप्स की भी मदद ले सकते हैं.
इसके लिए आप Detect Hidden Cameras या कोई दूसरा ऐप डाउनलोड कर सकते हैं. इसके बाद आपको ऐप ओपन करके एरिया को स्कैन करना होगा. अगर उस एरिया में कहीं भी कैमरा दिखेगा, तो स्क्रीन पर रेड ग्लो आएगा. हालांकि, ऐसे ऐप्स 100 परसेंट काम करेंगे, इस बात की कोई गारंटी नहीं है.