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'सिर्फ 7 साल में अमर हो जाएगा इंसान', गूगल के पूर्व इंजीनियर का बड़ा दावा

Ray Kurzweil Predictions: फ्यूचर को लेकर लोग तमाम तरह के कयास लगाते हैं. कितनी ही भविष्यवाणियां की जाती है, लेकिन इंसानों के अमर होने की कहानियां हर बार ध्यान खींचती हैं. ऐसी एक स्थिति का जिक्र एक किताब में किया गया था और अब इस पर काफी ज्यादा चर्चा हो रही है. आइए जानते हैं क्या है इस किताब में और कैसे इंसान अमर हो जाएगा.

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क्या अमर हो जाएंगे इंसान? (Getty Images)
क्या अमर हो जाएंगे इंसान? (Getty Images)

क्या आपने कभी अमर होने के बारे में सोचा है? कई पौराणिक कहानियों में हमने अमरता के किस्से सुने हैं, लेकिन क्या इंसान खुद को अमर बना पाएगा? अभी तक अमरता सिर्फ एक कॉन्सेप्ट है, जिस पर दुनियाभर में काम हो रहा है. हाल में ही अमरता को लेकर गूगल के पूर्व साइंटिस्ट ने एक भविष्यवाणी की है. 

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वैसे तो अमरता को लेकर तमाम लोग भविष्यवाणी करते रहते है, लेकिन ये कयास जिस शख्स ने लगाया है, उनकी 86 परसेंट भविष्यवाणियां सच हुई हैं. पूर्व गूगल इंजीनियर Ray Kurzweil ने ये चौंकाने वाली भविष्यवाणी की है. उनका मानना है कि इंसान अगले 7 साल में ही इम्मोर्टल यानी अमर हो जाएगा. 

क्या है साइंटिस्ट का दावा?

1999 में कम्प्यूटर साइंटिस्ट और पूर्व गूगल इंजीनियर को नेशनल मेडल ऑफ टेक्नोलॉजी मिला था. साइंटिस्ट की पूर्व में की गई कई भविष्यवाणियां सच हुई हैं. साल 2005 में उन्होंने एक किताब The Singularity Is Near लिखी थी. इस किताब से जुड़ी कुछ क्लिप्स सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. 

इस किताब में साइंटिस्ट ने कुछ ऐसे दावे किए हैं, जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है. साइंटिस्ट ने किताब में लिखा है कि इंसान साल 2030 तक कभी ना खत्म होने वाले जीवन को हासिल कर लेगा यानी अमर हो जाएगा. उन्होंने इसमें जेनेटिक्स, नैनोटेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स समेत कई टॉपिक पर चर्चा की है. 

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कैसे अमर बनेगा इंसान?

साल 2017 में Kurzweil ने Futurism को बताया था, 'साल 2029 वो तारीख है, जब AI एक वैलिड टेस्टिंग पास कर लेगा और इंसानों के बराबर की इंटेलिजेंस को हासिल कर लेगा. मैं 2045 को Singularity के लिए तय कर रहा हूं, जब हम अपनी इंटेलिजेंस को अपनी बनाई हुई इंटेलिजेंस से मर्ज करके कई अरब गुना बढ़ा लेंगे.'

Kurzweil ने इसमें नैनोटेक्नोलॉजी और रोबोटिक्स पर भी बात की है. उनका मानना है कि इन दोनों की मदद से एज-रिवर्सिंग नैनोबॉट्स का जन्म होगा. ये छोटे बॉट्स इंसानों के शरीर के डैमेज होते सेल्स और टिशू को लगातार फिक्स करते रहेंगे. उम्र बढ़ने के साथ हमारे सेल्स और टिशू कमजोर पड़ने लगते हैं, लेकिन नैनोबॉट्स की मदद से इन्हें ठीक किया जा सकेगा. इससे इंसान गंभीर बीमारियों से लड़ सकेगा. 

पहले भी कर चुके हैं कई भविष्यवाणी

यह कोई पहला मौका नहीं है, जब साइंटिस्ट ने कोई भविष्यवाणी की है. साल 1990 में Kurzweil ने प्रेडिक्ट किया था कि दुनिया का बेस्ट चेस प्लेयर साल 2000 तक कम्प्यूटर से हार जाएग. उनका प्रेडिक्शन 1997 में ही सच हो गया, जब डीप ब्लू ने Gary Kasparov को हराया. 

1999 में उन्होंने एक और भविष्यवाणी की थी. उन्होंने कहा था कि साल 2023 तक 1000 डॉलर के लैपटॉप में इंसान के दिमाग जितनी क्षमता वाली स्टोरेज कैपेसिटी मिलेगी. Kurzweil खुद को फ्यूचरिस्ट बताते हैं. उन्होंने एक भविष्यवाणी की थी कि साल 2010 तक दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में हाई-बैंडविथ वायरलेस नेटवर्क मौजूद होगा. 

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एक इंटरव्यू में Kurzweil ने कहा था कि साल 2029 तक कम्प्यूटर्स के पास इंसानों जैसी इंटेलिजेंस होगी. साल 2023 में हमें इसके लक्षण दिखने लगे हैं. जहां बड़ी दिग्गज कंपनियां AI की रेस में आगे निकलने के लिए लगातार दौड़ रही हैं.

वहीं एलॉन मस्क समेत 1000 रिसर्चर्स और दूसरे दिग्गजों ने एक ओपन लेटर साइन किया है. इस लेटर में AI पर और काम करने को रोकने की मांग की गई है, जिससे इसे इंसानों के लेवल तक पहुंचने से रोका जा सके. 

क्या है Singularity का मतलब? 

इस आर्टिकल में हमने कई जगह पर Singularity शब्द का इस्तेमाल किया है. Singularity फ्यूचर में एक ऐसा हाइपोथेटिकल प्वाइंट है, जहां एडवांस टेक्नोलॉजी खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऐसी मशीनों को विकसित करेगा, जो इंसानों से ज्यादा स्मार्ट होंगी. इस बारे में प्रेडिक्शन करने वाले Kurzweil अकेले शख्स नहीं हैं. 

बल्कि Softbank के CEO Masayoshi Son भी ऐसी भविष्यवाणी कर चुके हैं. उनका मानना है कि साल 2047 तक मशीनें सुपर इंटेलिजेंसी को हासिल कर लेंगी. साल 2017 में Masayoshi Son ने ये बात कही थी. 

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