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टाइपिंग की आवाज से भी चोरी हो जाएगा पासवर्ड, बेहद खतरनाक है हैकिंग का ये तरीका, AI का होता है यूज

Hacking Tips: आपने कई तरह की हैकिंग के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं AI टाइपिंग साउंड की मदद से पासवर्ड हैक कर सकता है. इस तरह के AI टूल डेवलप कर लिए गए हैं, जो बड़ी ही आसानी से आपका पासवर्ड क्रैक कर सकते हैं. ये टूल्स अपकी टाइपिंग की आवाज सुनकर पूरा पासवर्ड लीक कर सकते हैं. आइए जानते हैं ये पूरी टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है.

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Password hack कर सकता है ये AI
Password hack कर सकता है ये AI

हैकर्स से बचने के लिए आप कितने ही तरीके अपनाते हैं, लेकिन हैकर्स सेंधमारी के लिए कोई ना कोई नया तरीका जरूर खोज लेते हैं. क्या हो अगर कोई आपकी टाइपिंग की आवाज के जरिए सिस्टम को हैक कर ले. शायद हैकिंग के इस तरीके के बारे में आपने पहले सुना नहीं होगा, लेकिन ऐसा हो सकता है. एक नई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है.

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अपने कम्प्यूटर पर पासवर्ड टाइप करते हुए आप स्क्रीन और की-बोर्ड को तो दूसरों की नजर से बचा सकते हैं, लेकिन आवाज का क्या करेंगे. ZDnet की रिपोर्ट के मुताबिक, हैकर्स एक स्पेशल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके आपके पासवर्ड को की-बोर्ड की आवाज से क्रैक कर सकते हैं.

क्या है हैकिंग का नया तरीका? 

हमें अक्सर चिंता होती है कि कोई छिपकर हमारा पासवर्ड तो नहीं देख रहा है, लेकिन पासवर्ड सुनने वाले पॉइंट पर हमारा ध्यान कभी जाता ही नहीं है. हैकिंग के इस तरीके को Acoustic Side-Channel Attack कहते हैं. इस तरह की पासवर्ड हैकिंग में आपके कीबोर्ड से निकलने वाले साउंड पर फोकस किया जाता है. 

साउंड को एनालाइज करके हैकर्स आपके सिस्टम का पासवर्ड क्रैक करते हैं. इसके लिए उन्हें एक एडवांस टूल का इस्तेमाल करना होता है, जो आपके टाइप किए सटीक लेटर और नंबर्स की जानकारी देता है.

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ये खतरा कितना बड़ा है इसे समझने के लिए एक्सपर्ट्स की एक टीम ने एक्सपेरिमेंट किया. उन्होंने MacBook Pro 16-inch का इस्तेमाल किया, जो एक पावरफुल लैपटॉप है. उन्होंने iPhone 13 Mini को लैपटॉप से कुछ दूरी पर एक सॉफ्ट कपड़े पर रखा, जिससे साउंड को कैप्चर किया जा सके.

इसके अलावा उन्होंने लैपटॉप के रिकॉर्डिंग फंक्शन का भी इस्तेमाल किया. इसके बाद इन सभी डेटा का इस्तेमाल एक AI बेस्ड स्मार्ट कम्प्यूटर प्रोग्राम को सीखाने के लिए किया गया, जिसका काम टाइपिंग साउंड्स को ऑब्जर्व करना है. 

95 परसेंट तक काम करता है ये तरीका

ट्रेनिंग पूरी होने के बाद इस AI प्रोग्राम को टेस्ट किया गया है. टेस्ट में ये प्रोग्राम बड़ी ही आसानी से पता कर लेता है कि किस बटन का साउंड कौन सा है. रिपोर्ट्स की मानें तो ये 95 परसेंट तक सही प्रिडिक्ट करता है.

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हालांकि, रिसर्चर्स ने इससे बचने का तरीका भी खोज लिया है. इसलिए आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है. रिसर्चर्स ने पाया है कि आप बड़ी ही आसानी से इस प्रोग्राम को धोखा दे सकते हैं. इसके लिए आपको अपने ट्राइपिंग के तरीके में बदलाव करना होगा.

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साथ ही आप Shift का इस्तेमाल करते हुए भी टाइपिंग कर सकते हैं, इससे प्रोटेक्शन की एक एक्स्ट्रा लेयर मिलेगी. अगर आप वीडियो कॉल पर हैं, तो बैकग्राउंड नॉयस जोड़ सकते हैं, जिससे AI टूल आपके टाइपिंग के साउंड को ठीक से डिकोड नहीं कर पाएगा. 

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