लोगों को फंसाने के लिए स्कैमर्स तमाम तरह की चाल चलते हैं. साइबर सिक्योरिटी कंपनियों की मानें, तो स्कैमर्स लोगों को ठगने के लिए फिशिंग लिंक का सहारा ले रहे हैं. दरअसल, स्कैमर्स लोगों को QR कोड ईमेल में भेजकर ठगी कर रहे हैं. ईमेल ही नहीं कई दूसरे तरीकों से भी स्कैमर्स लोगों को फंसा रहे हैं.
ये क्यूआर कोड फिशिंग लिंक और स्कैम पेज से इनकोडेड होते हैं. जैसे ही कोई यूजर इन कोड्स को स्कैन करता है, वो स्कैम का शिकार हो सकता है. वहीं कुछ मामलों में देखा गया है कि स्कैमर्स गिफ्ट या रिटर्न के नाम पर लोगों को फंसा रहे हैं.
जब कोई यूजर इन गिफ्ट या रिटर्न्स के लिए कोड को स्कैन करता है तो उन्हें पासवर्ड एंटर करना होता है. अगर आपने पासवर्ड एंटर किया, तो स्कैम का शिकार हो जाएंगे. क्योंकि ये आपको कोई गिफ्ट नहीं देगा, बल्कि आपके अकाउंट से पैसे कट जाएंगे. स्कैमर्स लोगों को फंसाने के लिए फेस QR कोड्स को दुकानों और दूसरी जगहों पर भी चिपका रहे हैं.
FBI की वॉर्निंग
आपने देखा होगा कि दुकानों पर कई सारे QR कोड्स चिपके होते हैं. स्कैमर्स इन्हीं के बीच फेस कोड भी चिपका दे रहे हैं, जिससे आपकी पेमेंट किसी और अकाउंट में जाएगी. FBI ने भी कुछ वक्त पहले ऐसे स्कैमर्स को लेकर एक वॉर्निंग जारी की थी. अमेरिकी एजेंसी FBI ने कहा है कि कई बार स्कैमर्स असली QR कोड पर फेक कोड लगा देते हैं.
FBI के मुताबिक इन कोड को स्कैन करने के बाद मोबाइल हैक हो सकता है. मोबाइल का डेटा हैकर्स के पास जा सकता है और मोबाइल के जरिए लोगों की जासूसी भी हो सकती है. इस तरह से मोबाइल में हैकर्स मैलवेयर भी डाउनलोड कर सकते हैं.
इस तरह के स्कैम को आप मछली के जाल की तरह समझ सकते हैं. जैसे किसी मछली को फंसाने के लिए चारा डाला जाता है. उसी तरह से स्कैमर्स लोगों को लालच देते हैं और स्कैम में फंसाते हैं. इस तरह के स्कैम को सामान्य तौर पर ईमेल या SMS के जरिए अंजाम दिया जाता है.
सरकार, ब्रांड्स और साइबर सिक्योरिटी कंपनियां लगातार लोगों को इस तरह के स्कैम के प्रति सावधान कर रहे हैं. किसी लिंक के जरिए लोगों से ठगी करना साइबर अपराधों के सबसे सामान्य तरीकों में से एक है. लोगों को जैसे-जैसे इसकी जानकारी हो रही है, वे इस तरह के SMS और Email को इग्नोर करने लगे हैं.
इस वजह से स्कैमर्स ने फिशिंग लिंक के जगह QR Code सेंड करना शुरू कर दिया है. जैसे ही कोई यूजर इन कोड्स को स्कैन करता है उनका काम हो जाता है. जहां फ्रॉड लिंक्स और Email Address को पहचानना आसान है. वहीं QR Code स्कैम उतना ही मुश्किल है, क्योंकि आप इसे देखकर पहचान नहीं सकते हैं.
जैसे ही आप किसी QR Code को स्कैन करते हैं, तो एक फेक वेबसाइट पर रिडायरेक्ट हो जाते हैं. ये वेबसाइट आपसे तमाम तरह की परमिशन एक्सेस मांगती है. इसी डेटा के बदौलत ही स्कैमर्स लोगों के साथ ठगी करते हैं.
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इंटरनेट की दुनिया में आप सावधान और सतर्क रहकर ही सेफ रह सकते हैं. आपको कुछ बातों का ध्यान हमेशा रखना होता है. QR Code के साथ आने वाला कोई ईमेल पहला संकेत होता है. अगर किसी ईमेल में आपको QR कोड दिख रहा है, तो उसे खतरनाक समझें.
स्कैमर्स अक्सर लोगों को जल्दबाजी का फायदा उठाना चाहते हैं. इसके लिए वे पासवर्ड कॉम्प्रोमाइज या सर्विस एक्सपायर जैसे ईमेल करते हैं. इससे लोग जल्दबाजी में गलत कदम उठा बैठते हैं.
किसी भी ईमेल पर विश्वास करने से पहले उठे ठीक तरह से जांचें. इस तरह के फर्जी ईमेल लोगों को तमाम समस्याओं का क्विक सॉल्यूशन ऑफर करते हैं. इस तरह की बातों का ध्यान रखकर आप खुद को सेफ रख सकते हैं.
वहीं किसी दुकान पर QR कोड स्कैन करते हुए जल्दबाजी ना करें. सबसे पहले किसी कोड को स्कैन करने के बाद देखें कि वो किसके नाम पर है. अगर दुकानदार के नाम पर ही कोड है, तो ही आप पेमेंट करें. इसी तरह से फ्री गिफ्ट कार्ड को लेकर भी थोड़ा सचेत रहें.