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Cyber Fraud Part 1: वो तरीका जिससे स्कैमर्स के पास होगा आपका सिम कार्ड! चुटकियों में खाली हो जाएगा अकाउंट

What Is SIM Swapping: आपने शायद इस तरह के किसी हैकिंग के बारे में पहले भी सुना हो. सिम स्वैपिंग वो तरीका है, जिससे स्कैमर्स के पास आपका OTP आने लगेगा. ना सिर्फ OTP बल्कि उन्हें आपके सिम कार्ड का पूरा कंट्रोल मिल जाएगा. स्कैमर्स ऐसे कई तरीकों का इस्तेमाल करके आपके साथ धोखाधड़ी कर सकते हैं. आइए जानते हैं सिम स्वैपिंग क्या होती है.

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तेलंगाना की साइबराबाद पुलिस ने एक बड़े डेटा चोरी का खुलासा किया है. पुलिस ने 67 करोड़ लोगों का डेटा चुराने वाले शख्स को गिरफ्तार किया है. फरीदाबाद में बैठा ये शख्स देश के अलग-अलग कोने के लोगों को टार्गेट बनाता था. आरोपी के पास तामाम बड़ी कंपनियों के डेटा मौजूद थे, जिसमें BYJU'S और वेदांतु जैसी कंपनियों के स्टूडेंट्स का भी डेटा शामिल है. 

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कई बार हमें लगता है कि किसी के पास हमारा डेटा चला भी गया तो क्या हुआ? लेकिन आपके इस डेटा का कोई भी गलत इस्तेमाल कर सकता है. मसलन आपके बैंक अकाउंट्स खाली कर सकता है या फिर आपका सोशल मीडिया अकाउंट हैक कर सकता है. इसके बाद आपके साथ ब्लैकमेलिंग भी हो सकती है. 

जब मिस्ड कॉल से खाली हो गया बैंक अकाउंट

वैसे तो हैकिंग के कई तरीके हैं. हैकर्स कई तरीकों से लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. ऐसा ही एक तरीका है SIM Swapping. इस तरह के स्कैम में हैकर्स आपके सिम का एक्सेस हासिल कर लेते हैं और फिर शुरू होता है लूट का खतरनाक खेल.

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इस तरह का एक मामला पिछले साल के अंत में रिपोर्ट हुआ था, जिसमें स्कैमर्स ने बिजनेसमैन के 50 लाख रुपये अकाउंट से गायब कर दिए. उस वक्त पीड़ित ने बताया था कि उन्होंने किसी से अपना OTP तक शेयर नहीं किया है. बल्कि उनके फोन पर लगातार मिस्ड कॉल्स आ रही थी.

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जैसे ही उन्होंने एक कॉल को रिसीव किया, तो कॉलर ने कोई रिस्पॉन्स नहीं किया. बाद में पीड़ित ने पाया कि उनके अकाउंट से कई ट्रांजेक्शन हुए हैं. स्कैमर्स ने उनके अकाउंट से लगभग 50 लाख रुपये ट्रांसफर किए हैं. पुलिस ने बताया था कि ये मामला SIM Swapping का हो सकता है. 

क्या होती है SIM Swapping? 

सिम स्वैपिंग फ्रॉड वो तरीका है, जिसमें स्कैमर्स किसी तरह से यूजर के सिम का एक्सेस हासिल कर लेता है. स्कैमर्स आपकी डिटेल्स के बदौलत आपके नाम पर डुप्लीकेट सिम हासिल कर लेते हैं. इस तरह के स्कैम को अंजाम देने के लिए फ्रॉडस्टर्स किसी तरह से यूजर्स की पर्याप्त डिटेल्स इकट्ठा करते हैं.

इसके लिए सोशल इंजीनियरिंग, फिशिंग लिंक और दूसरे तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है. पर्याप्त जानकारी हासिल होने के बाद स्कैमर्स टेलीकॉम ऑपरेटर को कॉन्टैक्ट करते हैं.

टेलीकॉम ऑपरेटर को ट्रिक करके वे डुप्लीकेट सिम हासिल कर लेते हैं. जैसे ही उनके हाथ आपका सिम कार्ड लगेगा, वे ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए स्कैम करते हैं. चूंकि स्कैमर के पास आपका डुप्लीकेट सिम कार्ड है, तो आपके OTP तक इस स्कैम के बाद उनके पास ही आएंगे. 

कैसे बच सकते हैं आप? 

स्कैम चाहे किसी भी तरह का हो, इससे बचने का सबसे आसान और जरूरी तरीका जागरूकता और सावधानी है. स्कैमर्स आपका डेटा हासिल करने के लिए फिशिंग मेल का सहारा ले सकते हैं. ऐसे में आपको किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए. 

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बहुत से लोग सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा एक्टिव रहते हैं. कई बार लोग अनजाने में ही अपनी पर्सनल डिटेल्स शेयर कर देते हैं. जैसे आपनी डेट ऑफ बर्थ, क्रेडिट कार्ड की फोटो और दूसरी डिटेल्स अनजाने में ही सोशल मीडिया पर शेयर कर देते हैं. स्कैमर्स ऐसी ही गलतियों का फायदा उठाते हैं. 

आपको अपनी फोटोज और दूसरी डिटेल्स ऑनलाइन शेयर करते हुए सवाधान रहना चाहिए. अगर आपको लगता है कि आप सिम स्वैपिंग का शिकार हुए हैं, तो तुरंत ही इसकी जानकारी अपने बैंक और टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर को दे दें. समय रहते उठाए सही कदम से आप खुद को और अपने पैसे को सुरक्षित रख सकते हैं.

(क्या आपके साथ भी हुआ है ऐसा ही कोई स्कैम या आप बने हैं किसी तरह की साइबर ठगी के शिकार? अगर हां, तो हम उठाएंगे आपके लिए आवाज. अपनी कहानी साझा करें abhishek.mishra1@aajtak.com पर मेल भेजकर. मेल के साथ FIR की कॉपी जरूर संलग्न करें. ताकि आपकी कहानी से दूसरे रीडर भी ठगों के मंसूबे और पैंतरे समझ सकें और इस लूट से बच सकें. अगर आप चाहेंगे, तो आपकी पहचान को गुप्त रखा जाएगा.)

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