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हार्ड डिस्क कैसे की जाती है नष्ट? क्या डैमेज होने के बाद भी डेटा रिकवरी संभव?

नष्ट की गई हार्ड डिस्क से भी डेटा रिकवर होने के चांस होते हैं. डैमैज्ड हार्ड डिस्क से कैसे डेटा रिकवर किया जाता है और कैसे नष्ट किया जाता है.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • डैमेज्ड हार्ड डिस्क से भी रिकवर किया जा सकता है डेटा
  • हार्ड डिस्क को नष्ट करने के कई तरीके हैं
  • हार्ड डिस्क का हेड और प्लैटर होता है इंपॉर्टेंट

सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajpoot) के केस को अगर आप फ़ॉलो कर रहे हैं तो हार्ड डिस्क नष्ट होने के बारे में सुन रहे होंगे. रिपोर्ट के मुताबिक़ सिद्धार्थ पिठानी ने ये माना है कि 8 जून को 8 हार्ड डिस्क नष्ट की गई थीं.

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बताया जा रहा है कि हार्ड डिस्क नष्ट करने के लिए आईटी प्रोफेशनल की भी मदद ली गई थी. फ़िलहाल इसकी जांच होनी है कि हार्ड डिस्क में डेटा किस तरह का था और इसे कैसे नष्ट किया गया है.

हार्ड डिस्क नष्ट होने के बावजूद उसमें से डेटा रिकवरी संभव है. हालांकि हार्ड डिस्क किस तरह से नष्ट की गई है, डेटा रिकवरी उस पर भी डिपेंड करता है.

डैमेज्ड हार्ड डिस्क से भी डेटा रिकवरी का चांस

चाहे फ़िज़िकल डैमेज क्यों न हो, नष्ट हार्ड डिस्क से डेटा रिकवर किया जा सकता है. लेकिन इसके लिए ये जानना ज़रूरी होगा कि हार्ड डिस्क नष्ट करने के तरीक़े क्या क्या हैं और इसे रिकवर कैसे किए जा सकता है. 

भारत की डेटा रिकवरी कंपनी स्टेलर डेटा रिकवरी के डोमेस्टिक बिज़नेस डायरेक्टर मनोज ढिंगरा से हमने बातचीत की है और जानने की कोशिश की है कि डैमेज्ड हार्ड डिस्क से डेटा लैब में कैसे रिकवर किया जाता है.

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मनोज ढिंगरा ने कहा है ‘हम Class 100 क्लीन रूम में हार्ड ड्राइव को ओपन करते हैं और प्रॉब्लम चेक करते हैं और क्या टूटा है. हेड या पीसीबी, सभी  ट्रेडिशनल हार्ड ड्राइव में हेड होता है. पीसीबी और हेड मुख्य कॉम्पोनेमेंट होते हैं. अगर प्लैटर डैमेज नहीं हुआ है तो डेटा रिकवर होने के परे चांसेस हैं.’

उन्होंने ये भी कहा है कि टूटी हुई हार्ड डिस्क या डैमेज्ड डिस्क से डेटा रिकवर करने के लिए उसे उस तरह के लैब में खोला जाता है जहां उसे बनाया गया है.

हार्ड डिस्क नष्ट कई तरह से किए जाते हैं..

हार्ड डिस्क के बारे में शॉर्ट में बता दें तो इस डिवाइस में एक आउटर केसिंग होती है और अंदर एक डिस्क होती है. डिस्क में डेटा स्टोर होता है और ये स्पिन करती है.

हालांकि एनएसडी में स्पिनिंग डिस्क नहीं लगी होती है और इसमें डिस्क की जगह NAND मेमोरी चिप का यूज किया जाता है और इस वजह से ये ट्रेडिशनल के मुक़ाबले फ़ास्ट होती है.

कई बार हार्ड डिस्क का आउटर केस ज्यादा इंपैक्ट लेता है और डिस्क या अंदर की मेमोरी कम इंपैक्ट लेती है. अगर हार्ड डिस्क पानी में डूबो दी जाए, बाहर से इसकी केसिंग नष्ट हो. या फिर अंदर डिस्क पर भी थोड़ा इंपैक्ट हो, तो भी डेटा रिकवर किया जा सकता है.

ड्रिलिंग, मेल्टिंग और श्रेडिंग..

हार्ड डिस्क नष्ट करने के मोटे तौर पर दो तरीक़े हैं - फ़िज़िकल और वर्चुअल. फ़िज़िकल में हार्ड डिष्क तोड़ी जाती है, पानी में डाल दिया जाता है या फिर जला दिया जाता है.

वर्चुअल यानी सॉफ़्टवेयर बेस्ड. इसके तहत हार्ड डिस्क का डेटा फ़ॉर्मेट किया जाता है. इसके भी कई तरीक़े होते हैं. बाद में कोई डेटा रिकवर न कर ले, इसके लिए हार्ड डिस्क फ़ॉर्मेट करने के बाद इसमें ओवर राइट किया जाता है, इसे लेयरिंग भी कह सकते हैं.

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हार्ड डिस्क से डेटा फ़ॉर्मेट करने के बाद हार्ड डिस्क को फिर से गौरजरूरी डेटा से भरा जाता है और इसे बार बार फॉर्मेटिंग की जाती है ताकि ट्रेस न बचे.

फ़िज़िकल डैमेज कई तरह के होते हैं. इनमें श्रेडिंग और ड्रिलिंग जैसे मेथड शामिल हैं. ड्रिलिंग के तहत हार्ड डिस्क में कई होल किए जाते हैं ताकि डेटा रिकवर न किया जा सके.

श्रेडिंग के तहत इसे श्रेडर में डाला जाता है जो हार्ड डिस्क के कई छोटे टुकड़े कर देती है. इसके अलावा हार्ड डिस्क को पिघला कर भी नष्ट किया जाता है.

 

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