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एस्‍ट्रो अंकल: किस्‍मत का लिखा भी बदलता है

एस्‍ट्रो अंकल: किस्‍मत का लिखा भी बदलता है

मैं अपनी हाथों की लकीरों से कभी नहीं उलझा, क्‍योंकि मैं जानता हूं कि किस्‍मत का लिखा भी बदलता है. ईश्‍वर ने किस्‍मत लिखकर कलम को तोड़ा नहीं है बल्कि वहीं रख दिया है. जो लोग अपने बारे में गहराई से जानते हैं और जो लोग मेहनत करते हैं वे अपनी किस्‍मत बदल सकते हैं.

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