किसान यूनियन और सरकार के बीच हुआ बातचीत के बावजूद मसला जस का तस बना हुआ है. आज की बैठक में भी कोई हल नहीं निकला. सरकार ने किसानों को 18 महीनों तक कृषि कानून होल्ड पर रखने का प्रस्ताव दोहराया था. जबकि किसान यूनियन तीनों कृषि कानून की वापसी की मांग पर आज भी अड़े रहे. आज दोनों पक्षों के बीच महज 15 मिनट बात हई. सरकार ने सख्त लहजे में आज कहा कि हमारे पास कानून को फिलहाल स्थगित करने से बेहतर कोई विकल्प नहीं है. चर्चा कर लीजिए, अगर अच्छा लगे तो कल फिर बात करते हैं. यानि अब किसानों को तय करना है कि कल बातचीत होगी या नहीं. इस बीच किसान ट्रैक्टर परेड वाली रैली को लेकर भी अड़े हुए हैं. मतलब मामला अभी भी अपनी पुरानी जगह पर ही अटका हुआ है.