सनातन परंपरा ने जड़ और चेतन सब में ईश्वर की भावना है. नदियां, पहाड़, पत्थरपत्थर यहां तक कि पेड़-पौधों में भी ईश्वर में भी देवी-देवताओं का वास माना जाता है. तुलसी के पौधे में औषधीय गुणों के साथ दैवीय गुण भी पाए जाते हैं.