प्राथना करने भी एक कला है भगवान पर यह गुस्सा निकालने से पहले कि वह आपकी सुनते नहीं है आप यह तो जान लें कि ऊपर वाले तक अपनी प्राथना पहुंचाई कैसे जाती है