व्यक्ति को किए गए बुरे कर्मों का फल एक समय तक भोगना पड़ता है. कई तरह के शाप होते हैं, जो अलग- अलग कारणों से होते हैं. शाप कैसा भी हो भगवान शिव के अलावा उसका निवारण कोई नहीं कर सकता.