तकदीर का लिखा, भगवान की इच्छा, ऊपर वाले का कर्म, लोग मुझे अक्सर यही नाम देते हैं. कहते हैं कि मैं परमात्मा का फैसला हूं. मैं आपका भाग्य हूं. आप का भाग्य जिससे तय होती है आपकी तरक्की और आपकी नाकामी.. लेकिन क्या यही अटल सत्य है.. जानिए कैसे बदले भाग्य.