मेहनत का फल मीठा होता है. व्यक्ति जैसा चाहता है, जैसा सोचता है, जैसा कर्म करता है, वैसा ही उसका भाग्य बनता जाता है. मनुष्य कर्म से बदल सकता है अपना भाग्य. हस्तरेखा में भी कुछ रेखाओं को छोड़कर बाकी सभी रेखाएं कर्म के अनुसार बदलती रहती हैं. इसलिए आलस्य को त्यागकर कर्म पर लग जाएं.