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मैं भाग्य हूं: बुरे कर्मों से बिगड़ता है भाग्य

मैं भाग्य हूं: बुरे कर्मों से बिगड़ता है भाग्य

अच्छे और बुरे कर्मों से भाग्य बनता या बिगड़ता है. हमारी कई छोटी-छोटी गलत आदतें हमारे जीवन की बड़ी बुराई की जड़ बन जाती है.

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