शुभ मंगल सावधान में आज हम आपको बताएंगे भगवान श्री जगन्नाथ की महिमा के बारे में. भगवान श्री जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध शुभ और सुंदर यात्रा निकलेगी. इस दिन अगर यात्रा में शामिल नहीं हो पा रहे हैं तो यात्रा का स्मरण कर राशिअनुसार खास मंत्र पढ़ें. ये मंत्र आने वाले दिनों में खुशियों का वरदान देंगे. पुरी रथयात्रा के लिए बलराम, श्रीकृष्ण और देवी सुभद्रा के लिए तीन अलग-अलग रथ निर्मित किए जाते हैं. इन रथों के निर्माण में किसी भी प्रकार के कील या कांटे या अन्य किसी धातु का प्रयोग नहीं होता है. जब तीनों रथ तैयार हो जाते हैं, तब छर पहनरा नामक अनुष्ठान संपन्न किया जाता है. आषाढ़ माह की शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि को रथयात्रा आरंभ होती है. ढोल, नगाड़ों, तुरही और शंखध्वनि के बीच भक्तगण इन रथों को खींचते हैं. कहते हैं, जिन्हें रथ को खींचने का अवसर प्राप्त होता है, वह महाभाग्यवान माना जाता है.
Jagannath Rath Yatra begins on 4 July early morning. Thousands od devotees participated at the Badadanda or the Grand Road from where the chariots of sibling deities will be pulled to the Gundicha temple that is their aunts temple. It is also known as Chariot Festival.The three idols are taken from Jagannath Temple to the Gundicha temple. These idols are placed in the decorative chariots, accompanied by chants and conches, which can be heard all around.