श्रीधर मंडल साल 1992 में पटना कोतवाली में पुलिस इंस्पेक्टर थे. उन दिनों बिहार में नक्सलियों का बड़ा खौफ था. उनकी समर्थित पार्टी माले की ओर से पटना में एक रैली का आयोजन हुआ. पूरा पुलिस प्रशासन चिंता में डूबा था कि अब क्या होगा? पटना में तब पुलिस कप्तान थे डॉ. अजय कुमार. इस कहानी में जानिए कैसे एक भरोसी की हल्दी ने रैली में हिंसा होने से रोक दी..किसने दिया था यह आइडिया...