हो सकता है कि कर्ज देने वाला किसी को कर्ज देकर भूल जाए, लेकिन कर्ज लेने वाला कभी कर्ज लेकर नहीं भूलता, हां वह भूलने का अभिनय कर सकता है. आज संजय सिन्हा से सुनिए पटना की निशि अग्रवाल की कहानी जिन्होंने चाय की साधारण सी केतली पर चित्रकारी न सिर्फ इसे सजावट के सामान में बदल दिया, बल्कि आस-पड़ोस की महिलाओं को भी इससे रोजगार दिलाया.