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संजय सिन्हा से सुनिए प्रेरणादायी कहानी

संजय सिन्हा से सुनिए प्रेरणादायी कहानी

दुनिया में बहुत से बेटे मां-बाप की बहुत परवाह करते है, लेकिन औसत कम है. अगर समाज बेटियों को ससुराल विदा करने की जगह बेटों को विदा करने लगे तो समस्या का समाधान मिल जाएगा. बेटी मां-बाप की परवाह करेगी. इससे दामाद सास- ससुर की चिंता करेंगे. जिन मां-बाप को बेटे और बहू से तकलीफ होती है, वो खत्म हो जाएगी.

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