मेरे एक परिचित हैं जो अपने बेटे के पीछे हाथ धोकर पड़े रहते हैं कि वो पढ़ता नहीं है. हालांकि उनका बेटा पढ़ने में ठीक है. लेकिन घर वालों के दबाव में हमेशा पढ़ने की अभिनय करता रहता है.