संजय सिन्हा सुना रहे हैं अपने घर से दफ्तर पहुंचने के क्रम में लिये गए गलत टर्न का किस्सा के वे कैसे हर दिन गलत टर्न लेकर अपना समय बचाने की कोशिश करते हैं. जबकि वे दूसरों को हमेशा सही चलने की हिदायत देते हैैं. दूसरों की गलती पर उन्हें घूरते और डांटते-डपटते हैं. वहीं खुद की गलती पर ध्यान नहीं देते.