संजय सिन्हा आज सुना रहे हैं होली पर स्पेशल कहानी. होली पर मेरे पिता जी ने मुझे 100 रूपए दिए थे और गांव भेजा था. पिता जी ने कहा था कि जाओ इस बार होली वहीं मनाना. गांव में हमारे कई रिश्तेदार थे. पिता के चाचा वैसे तो मेरे दादा थे, लेकिन उनका नाम लाल बाबा पड़ गया था.हम सब उन्हें लाल बाबा बुलाते थे. मेरे मन में एक दिन सवाल उठा कि लाल बाबा लाल तो हैं नहीं फिर उन्हें लाल बाबा क्यों कहते हैं. किसी ने बताया कि बचपन में लाल बाबा को किसी ने लाल रंग से नहला दिया था. तब से ही उनका नाम लाल बाबा हो गया.