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संजय सिन्हा की कहानी: अंधेरे और उजाले का फर्क

संजय सिन्हा की कहानी: अंधेरे और उजाले का फर्क

अंधेरा क्या है, जहां उजाला नहीं है वहां अंधेरा है. यानि अपनेआप में अंधेरा कुछ नहीं है, जहां उजाला नहीं है वहां अंधेरा है. इसका मतलब उजाले का अस्तित्व है मगर अंधेरे का नहीं. रोशनी की तलाश नहीं करनी पड़ती क्योंकि वह है. मगर हैरानी की बात है कि हम रोशनी की तलाश करते हैं. आपके कर्म आपको उजाले से दूर करते हैं. संजय सिन्हा से सुनिए एक ऐसी ही कहानी...

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