मां बीमार थी. पिताजी खुद झाड़ू लेकर घर की सफाई कर रहे थे. मैं बहुत छोटा था. पर मैंने पिताजी से कहा कि आप झाड़ू मुझे दीजिए, मैं सफाई करूंगा. पिताजी मुस्कुराए और उन्होंने कहा, “गुड, गुड ब्वॉय.” पिताजी का 'गुड' कहना मुझे बहुत अच्छा लगा. मुझे सफाई आती नहीं थी, पर जितना संभव हुआ मैंने करने की कोशिश की. उस छोटे से शब्द का असर मुझ पर ये हुआ कि मैं रोज घर की सफाई करने लगा. यहां तक कि जब मैं बड़ा हो गया और मेरी शादी हो गई तब भी मैं घर की सफाई करने से कभी पीछे नहीं हटा. शादी के बाद पत्नी को बहुत हैरानी होती थी कि मैं खुद झाड़ू से घर साफ करने को इतना पसंद क्यों करता हूं? देखिए पूरी कहानी.....