संजय सिन्हा आज परिवार से जुड़ी एक कहानी सुना रहे हैं. पीढ़ियों के अंतर से जुड़ी इस कहानी में वो बताते हैं कि कैसे माता-पिता अपने बच्चों को पढ़ाई-परवरिश के लिए बड़े-बड़े त्याग करते हुए पूरा जीवन निकाल देते हैं. बच्चे जब खुद पैरों पर खड़े हो जाते हैं तो उन्हें अपने वक्त का ख्याल रहता है लेकिन माता-पिता का कीमती वक्त बच्चों की देखभाल में निकल चुका होता है जो कभी वापस नहीं लाया जा सकता.