पति-पत्नी के रिश्ते की तुलना जिस किसी ने साइकिल के दो पहियों से की होगी, उसने यकीनन इसे ठीक से समझा होगा. असल में दो लोगों के बीच रिश्ता दो पहियों की सवारी ही है. एक पहिया बिगड़ा तो दूसरा भी नहीं चलेगा. असल बात है रिश्तों के मर्म को समझना. ये समझ दोनों ओर से आनी चाहिए. ये समझने की कोशिश कीजिएगा कि रिश्तों के संसार में जब-जब आपका अहंकार जीतेगा, तब-तब आपकी हार होगी.