जीवन में कर्ज सिर्फ पैसों के लेनदेन का नहीं होता, रिश्तों का भी कर्ज होता है, जो कभी भूलना नहीं चाहिए. रिश्तों का कर्ज व्यवहार से होता है और इसे फर्ज से उतारा जा सकता है.