आदमी को लौटाना होता है, उसे लौटाना चाहिए. जो नहीं लौटाते, उन पर ऋण दोष लग जाता है. मेरे पिताजी कहते थे कि जब हम किसी से कुछ लेते हैं, तो उसे देना भी पड़ता है. बात उठी थी पिताजी के दोस्त की बेटी की शादी में जाने से. पिताजी ने एक लिफाफा बनाया था, उसमें कुछ रुपये डाले थे और मुझसे कहा था कि तुम शाम को शादी में चले जाना. वहां ये लिफाफा दे देना. ये बात है उन दिनों की जब मां बहुत बीमार थी. पिताजी कहीं आते-जाते नहीं थे, लेकिन मुझसे कह रहे थे कि तुम शादी में चले जाना. दत्ता अंकल को ये लिफाफा दे देना. मैं हैरान था. आगे की कहानी जानने के लिए देखें वीडियो.