एक व्यकित ने अपने गुरू की याद में पुस्तक छपवाने के लिए पैसे इकट्ठे किए. जब वह शिष्य पुस्तक छपवाने की तैयरा कर रहा था तभी नगर में महामारी फैल गई. उस व्यक्ति ने किताब की छपाई के सारे पैसे लोगों के इलाज में खर्च कर दिए. आज संजय सिन्हा की ये कहानी बहुत छोटी है लेकिन इसका संदेश बहुत गहरा है, देखिए ये वीडियो.
Today in Sanjay Sinha ki Kahani, Sanjay Sinha is telling you about a person who keeps struggle and tries to collect money so hardly just to publish a book, which is written in the memory of his teacher. Watch this story in Sanjay Sinha ki Kahani.