जिंदगी के पाठ्यक्रम का क्या है, उसे आप कहीं भी पढ़ सकते हैं. कई बार सामान्य सी लगने वाली बातें भी आपको वो पाठ पढ़ा सकती हैं जिन्हें हम स्कूल-कॉलेज में नहीं पढ़ पाते. असल में मुझे तो लगने लगा है कि स्कूल- कॉलेज में हम जो पढ़ते आए हैं उसका जीवन जीने से कोई संबंध ही नहीं है. या फिर शिक्षक हमें उस तरीके से नहीं पढ़ाते जिससे इंसान जीवन जीने की कला सीख पाए. देखें- 'संजय सिन्हा की कहानी' का ये पूरा वीडियो.